महंगाई से जनता हारी, थाली से गायब हुई तरकारी
दो सप्ताह से रुक रुक हो रही बारिश के बीच पेट्रोल व डीजल की कीमतों में अनवरत हो रही वृद्धि के कारण खाद्य सामानों व सब्जियों की कीमतें बढ़ती जा रही हैं। पिछले एक माह में सब्जियों की कीमत में 15 से 20 फीसद की वृद्धि हो चुकी है। आढ़तियों की मानें तो आने वाले दिनों में कीमतों में और बढ़ोतरी होने की आशंका है। इसके कारण मध्यम वर्गीय तबके का बजट गड़बड़ गया है। विशेषकर हर घर में खाए जाने वाले आलू प्याज टमाटर परवल बैगन के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं जो लोगों के लिए गंभीर चिता का विषय है।
जागरण संवाददाता, भदोही : लॉकडाउन में महंगाई नियंत्रित थी लेकिन अनलॉक में स्थिति कंट्रोल से बाहर हो गई है। बारिश के बीच पेट्रोल और डीजल के रेट रोज बढ़ रहे हैं। उधर सब्जियां भी खूब भाव खाने लगी हैं। पिछले एक माह की तुलना में रेट में 15 से 20 फीसद तक बढ़ोत्तरी हुई है। आम आदमी की थाली में सिर्फ दाल बची है, तरकारी गायब हो गई है। आलू, प्याज, परवर, टमाटर व बैगन समेत कई प्रमुख सब्जियों के रेट काफी बढ़ गये हैं। दो सप्ताह पहले धनिया 80 रुपये किलो था, लेकिन अब 200 रुपये पार पहुंच गया है। गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों का बजट गड़बड़ा गया है।
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मिर्च हुई सुर्ख', टमाटर लाल
महंगाई की इंतहां देखिये। टमाटर 60 रुपये से बढ़कर 30 रुपये हो गया। जबकि हरी मिर्च 40 से बढ़कर 25 रुपये और धनिया के रेट में प्रति किलो 120 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। 80 से बढ़कर रेट 200 रुपये हो गया। इसी तरह अरुई और लौकी की सब्जी में भी 15 से 20 रुपये का उछाल देखा गया है।
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माल भाड़ा महंगा, इसलिए बढ़े
सब्जियों के रेट
कटरा बाजार के सब्जी विक्रेता शादाब राइन ने बताया कि माल भाड़ा महंगा होने के कारण सब्जियों की आवक कम हो गई है। इसके कारण कीमतों में वृद्धि हो रही है। बारिश के कारण भी समस्या उत्पन्न हुई है। पेट्रोल व डीजल के मूल्यों में और वृद्धि हुई तो सब्जियों की कीमत प्रभावित होना तय है।
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सब्जियों का प्रति किलो तुलनात्मक रेट
सब्जी अब माह पहले वृद्धि
आलू 24 12 12
पालक 40 20 20
पत्ता गोभी 30 10 20
अदरक 120 100 20
बैगन 30 20 10
लहसुन 120 100 20
बोड़ा 40 32 08
परवर 40 32 08
नेनुआ 20 12 08
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सलाद खाना भूले ग्राहक
सलाद खाना अब तो लोग भूल गये हैं। खीरा 20 से बढ़कर 30, गाजर 28 से 40, चुकंदर 30 से 40, प्याज 12 से 15 और मूली 20 से 30 रुपये प्रति किलो हो गया। नींबू महीने भर पहले 24 रुपये दर्जन था, जो अब 30 रुपये हो गया है।
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जनता बोली, अब नहीं सहा जाता
सब्जी हर रसोई घर की जरूरत है। बिना सब्जी एक वक्त का खाना तैयार नहीं हो सकता। रोजमर्रा के उपयोग वाली सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी होने से समस्या है। सरकार कीमत पर अंकुश लगाए।
29-छाया देवी
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आलू, प्याज व टमाटर हर घर में हर रोज खाया जाता है लेकिन यही सब्जियां महंगी हैं। गरीब व मध्यमवर्गीय तबका सर्वाधिक प्रभावित हो रहा है। बढ़ती कीमतों की रोकथाम के लिए आवश्यक उपाय करना चाहिए।
30-नाजनीन अंसारी
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लॉकडाउन के दौरान आश्चर्यजनक ढंग से सब्जियां सस्ती थी लेकिन अनलॉक लगते ही महंगी हो गईं। इसका क्या कारण है, समझ में नहीं आ रहा है। उस पर रोक लगना चाहिए। महंगाई बढ़ने से थाली सूनी हो गई है।
31-पूजा बरनवाल
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अन्य सब्जियों के साथ फ्री में मिलने वाली धनियां 200 रुपये किलो पहुंच गया है। लॉकडाउन के बीच आर्थिक रूप से टूट चुके आमजन के लिए सब्जियों की कीमत में बढ़ोत्तरी ठीक नहीं है।
32-प्रिया गुप्ता