महामारी से मुक्ति के लिए मांगी गई दुआ
जासं भदोही माहे रमजान के दूसरे जुमे को मस्जिदों में गाइडलाइन के अनुसार नमाज अदा की गई ज
जासं, भदोही : माहे रमजान के दूसरे जुमे को मस्जिदों में गाइडलाइन के अनुसार नमाज अदा की गई जबकि अधिकतर लोगों ने अपने-अपने घरों में जोहर की नमाज पढ़ी। इस बीच विभिन्न मस्जिदों में नमाज से पहले उलेमा ने माहे रमजान की अजमतों (महत्व) पर रौशनी डालते हुए बेकाबू होती जा रही महामारी से बचने और आवश्यक सावधानी बरतने की अपील की गई। नमाज के बाद इस मुसीबत से निजात के लिए दुआ मांगी गई।
रमजान की अजमतों पर रौशनी डालते हुए उलेमा ने इसे बरकत व रहमत वाला महीना बताया। मोहल्ला पश्चिम तरफ मस्जिद में खिताब करते हुए मौलाना कुतुबुद्दीन ने जकात व फितरे के इस्लामिक महत्व व अदायगी के तौर तरीके पर रौशनी डाली। कहा कि यह इस्लाम का वह कानून है जो जरूरतमंदों को राहत पहुंचाता है वहीं देने वालों को भी जहन्नुम के अजाब से बचाता है। कहा कि साहिबे निसाब होने के बावजूद जकात की रकम न देने वालों पर अल्लाह का सख्त अजाब नाजिल होगा। कहा कि उनकी दौलत तो दुनियां में बरबाद हो जाएगी जबकि वे रोजे महशर में अजाब के हकदार बनेंगे। इसी तरह जकात देने के बारे में भी उन्होंने रौशनी डाली। कहा कि अपने रिश्तेदारों, पड़ोसियों के बाद दूसरे लोगों को भी दी जा सकती है। इस दौरान बेहद गुपचुप ढंग से उक्त रकम अदा करने की ताकीद की। कहा कि किसी को यह अहसास कराने की जरूरत नहीं है कि वह जकात की रकम है। इसी तरह अन्य मस्जिदों में पेश इमामों ने कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी से निजात के लिए दुआएं की।