पीएम स्वनिधि ने भरी रफ्तार, 4765 को मिला स्वरोजगार
जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) सड़क की पटरियों पर ठेला खोमचा लगाकर व जमीन पर दुक
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : सड़क की पटरियों पर ठेला, खोमचा लगाकर व जमीन पर दुकान सजाकर जीविकोपार्जन करने वाले रेहड़ी व्यवसायियों को रोजगार से लिए ऋण देने को शुरू की गई प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना ने रफ्तार पकड़ ली है। 4765 लोगों ने 4.76 करोड़ रुपये से अधिक ऋण लेकर स्वरोजगार शुरू कर दिया है। ऋण की अदायगी करनी भी शुरू कर दिया है। सबसे अहम यह है कि पहली बार में ली गई 10 हजार रुपये की ऋण अदायगी पर उन्हें 20 हजार रुपये का ऋण मिल सकता है।
सड़क की पटरियों पर सब्जी, फल की दुकानों सहित ठेले-खोमचे लगाकर जीविकोपार्जन करने वाले परिवारों को व्यवसाय करने में सहूलियत मिले। शासन ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना की शुरूआत की। मंशा थी कि योजना के तहत पटरी व्यवसायी 10,000 रुपये ब्याज मुक्त ऋण लेकर अपना व्यवसाय बढ़ा सकें। हालांकि शुरुआत में तो प्रगति काफी धीमी रही। जागरूकता के अभाव व अन्य कारणों से तमाम लोग ऋण नहीं ले रहे थे। हालांकि अब योजना रफ्तार पकड़ चुकी है। योजना के तहत जिले में तय लक्ष्य 3656 लाभार्थियों के सापेक्ष 6827 लोगों ने आनलाइन आवेदन किया है। इसमें से 4967 आवेदन पत्रों को स्वीकृति मिल चुकी है तो 4765 लाभार्थियों ने 10-10 हजार रुपये का ऋण हासिल कर लिया है।
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व्यवसाय बढ़ाने में मिली सहूलियत
- फल बेचकर जीविकोपार्जन करते थे। पीएम स्वनिधि योजना के तहत मिलने वाले ऋण से व्यवसाय को बढ़ाने में काफी सहूलियत मिली है। अब वह ऋण की अदायगी भी कर रहे हैं। व्यवसायियों के लिए योजना लाभकारी है।
चित्र 13-- गुलाम हबीब
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- चाट-पकौड़ी का व्यवसाय बढ़ाने को लेकर परेशान थे। आर्थिक तंगी के चलते संभव नहीं हो पा रहा था। पीएम स्वनिधि योजना ने काफी राहत दे दी। 10 हजार रुपये ऋण लेकर काम को बढ़ाया। अब धंधा अच्छा चल रहा है। योजना लाभकारी है।
चित्र 14-- संतोष बिद
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- जिले में 3656 पटरी व्यवसायियों को ऋण देने का लक्ष्य था। इसके सापेक्ष 6575 लोगों ने आवेदन किया था। 4947 के आवेदन को स्वीकृति किया जा चुका है। जबकि 4733 को ऋण वितरित हो चुका है। 15 व्यवसायी ऋण की अदायगी भी कर चुके हैं। पहली बार के ऋण की अदायगी पर लाभार्थी 20 हजार रुपये व इसकी अदायगी पर 50 हजार रुपये तक का ऋण हासिल कर सकते हैं। -- विकास भदौरिया, जिला मिशन प्रबंधक, डूडा।