तटवर्ती क्षेत्रों में दहशत, कटान से गिर रहे करार

पहाड़ी क्षेत्रों के साथ ही स्थानीय स्तर पर लगातार हो रही बारिश से उफनाई गंगा लाल निशान के करीब पहुंच चुकी हैं। दो दिनों से जल स्तर में हो रहे लगातार बढ़ाव से तटवर्ती क्षेत्रों में दहशत व्याप्त है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Sep 2018 08:12 PM (IST) Updated:Thu, 13 Sep 2018 01:05 AM (IST)
तटवर्ती क्षेत्रों में दहशत, कटान से गिर रहे करार
तटवर्ती क्षेत्रों में दहशत, कटान से गिर रहे करार

जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी (भदोही): पहाड़ी क्षेत्रों के साथ ही स्थानीय स्तर पर लगातार हो रही बारिश से उफनाई गंगा लाल निशान के करीब पहुंच चुकी हैं। दो दिनों से जल स्तर में हो रहे लगातार बढ़ाव से तटवर्ती क्षेत्रों में दहशत व्याप्त है। कटान होने से तेज आवाज के साथ गिर रहे करार ने लोगों की नींद उड़ा दी है।

जनपद के तीन विकास खण्ड औराई, ज्ञानपुर, डीघ के अंतर्गत लगभग 45 गांव गंगा नदी के किनारे बसे हुए हैं। इनमे से सीतामढ़ी क्षेत्र के गांवों में बाढ़ और कटान का खतरा सर्वाधिक बना हुआ है। गंगा की धाराओं से तीन तरफ से घिरा कोनिया क्षेत्र सावन और भादो महीने में नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगता है और तटवर्ती इलाकों के लोगों की नींद उड़ जाती है। सीतामढ़ी मीटर री¨डग के अनुसार 81.2 मीटर पर खतरे का निशान है। वर्तमान समय में गंगा का जल स्तर 77.69 पर है। अचानक जल स्तर में बढ़ाव से कोनिया क्षेत्र के दर्जनों गांव डीघ,इटहरा, कलिक, मवैया, छेछुआ, भोरा, गजाधरपुर, तुलसीकला, धनतुलसी, भभौरी, बहपुरा, कूडी आदि गांव के लोग दहशत में हैं। इसमें सबसे प्रभावित गांव छेछुआ, गजाधरपुर, तुलसीकला हैं। रात में कटान होने से तेज आवाज के साथ गिर रहे करार से तटवर्ती क्षेत्रों के लोगों की नींद उड़ गई है। बताया जा रहा है इसी तरह से जल स्तर बढ़ता रहा तो दो दिनों में गंगा खतरे के निशान को पार कर जाएंगी।

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