ओम नम: शिवाय
गोपीगंज नगर में स्थित सिद्धेश्वर नाथ मंदिर पर दूर-दूर से भक्त पूजन-दर्शन करने आते हैं। पौराण्ि
गोपीगंज नगर में स्थित सिद्धेश्वर नाथ मंदिर पर दूर-दूर से भक्त पूजन-दर्शन करने आते हैं। पौराणिक मान्यता है कि बाबा के दरबार में जलाभिषेक करने से भक्तजनों की मनोकामना अवश्य पूरी होती है। जो भी भक्त महादेव की शरण में निष्कपट मन से आकर वरदान मांगता है। वह उसकी मनोकामना अवश्य ही पूरी करते हैं। बाबा के दरबार में नित्य श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। सावन मास में जलाभिषेक से देवाधिदेव भक्तजनों के ऊपर प्रसन्न होकर भव व्याधियां दूर करते हैं। विशेषतया सावन मास में भक्तों की भीड़ बढ़ जाती है।
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इतिहास-
- क्षेत्रीय भक्तजनों के अनुसार सिद्धेश्वरनाथ महादेव मंदिर का निर्माण 1865 में काशी नरेश के अनुमति से स्थानीय निवासी सोनिया अग्रहरि ने कराया था। पुराना होने की वजह से मंदिर जीर्ण-शीर्ण हो गया था। क्षेत्रीय नागरिकों ने आपसी सहयोग से चार साल पूर्व मंदिर का जीर्णोद्धार कराकर भव्य कर दिया गया है।
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तैयारियां -----
- सावन मास में मंदिर को नगरवासियों के सहयोग से पूरी तरह रुप से सजाया गया है। समिति की ओर से नित्य मंदिर की साफ सफाई के उपरांत श्रृंगार किया जाता है। मंदिर में पूजन दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर समिति की ओर से सारी व्यवस्थाएं चाक चौबंद की गई है।
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मंदिर की विशेषता
- सिद्धेश्वर धाम में स्थित शिवमंदिर में देवाधिदेव महादेव का दर्शन मात्र से कष्ट मिट जाता है। यहां अर्धनारीश्वर रूप में मां पार्वती विराजमान है। इससे यहां का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। दर्शन करने के लिए सावन में भक्तों की भीड़ लगी रहती है। ----------
- सिद्धेश्वर नाथ के दरबार में सच्चे मन से पूजन दर्शन व जलाभिषेक करने वाले भक्तों की भक्ति कभी खाली नहीं जाती है। महादेव के दर्शन मात्र से भक्तजनों की सारी व्याधियां दूर हो जाती है। भक्ति में शक्ति की सिद्धि का लाभ भक्तजनों को अवश्य मिलती है।
- चित्र..19---पंडित रामजी आचार्य, पुजारी।
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- बाबा के दरबार में जो भी सच्चे दिल से जलाभिषेक कर पूजन करता है। बाबा भोले अवश्य ही भक्तजनों की मनोकामना पूरा करते हैं। सावन मास महिला भक्त पूजन अर्चन करने भारी संख्या में आती हैं।
- चित्र..20---- विष्णु प्रसाद पांडेय, भक्त।