ग्रामीण सड़कें ध्वस्त, चलना हुआ दुश्वार

जागरण संवाददाता ऊंज (भदोही) विकास खंड डीघ क्षेत्र की ग्रामीण सड़कें पूरी तरह ध्वस्त हो

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 05:05 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 05:05 PM (IST)
ग्रामीण सड़कें ध्वस्त, चलना हुआ दुश्वार
ग्रामीण सड़कें ध्वस्त, चलना हुआ दुश्वार

जागरण संवाददाता, ऊंज (भदोही) : विकास खंड डीघ क्षेत्र की ग्रामीण सड़कें पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी हैं। गड्ढों में पानी भर जाने से राहगीर गिरकर घायल हो रहे हैं। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत भी करते रहते हैं लेकिन केाई सुनने को तैयार नहीं है। इसको लेकर क्षेत्र के लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

क्षेत्र के सोनैचा-चेरापुर मार्ग का निर्माण पांच वर्ष पहले कराया गया था। घटिया निर्माण के चलते असमय वह क्षतिग्रस्त हो गई। लाखों खर्च करने के बाद भी महज छह माह में ही सड़क की गिट्टयां उखड़ गई। शिकायत के बाद भी निर्माण नहीं कराया गया। इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्ग कुरमैचा से ऊंज मार्ग की भी हालत खस्ता हो चली है। नवधन होकर सींकी चौरा तक जाने वाला मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। पैदल चलने वाले भी गिरकर घायल हो रहे हैं। सड़क निर्माण के नाम पर ठेकेदार और अधिकारी लाल हो जा रहे हैं। बारिश आते ही सड़कों पर पैदल चलना भी दुश्वार हो जाता है। सड़क पर पानी जमा होने के कारण पता ही सड़क और गड्ढा के बीच अंतर ही समझ में नहीं आता है।

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क्या कहते हैं गांव के लोग

- ऊंज गांव में जाने वाली सड़क तीन वर्ष से खराब है। बारिश की वजह से गड्ढों में मिट्टी जमी है। आवागमन के दौरान राहगीर गिरकर घायल हो रहे हैं। क्षेत्रीय लोगों ने कई बार शिकायत की लेकिन सड़क का निर्माण नहीं कराया गया।

- चित्र - 9 - सुशील कुमार सिंह।

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- अधिकारी एक तरफ गड्ढामुक्त सड़क का दावा कर रहे हैं तो वहीं नवधन गांव की प्रमुख सड़क पूरी तरह गड्ढे में ही तब्दील हो चुकी है। ग्रामीणों को मुख्य मार्ग छोड़कर रास्ते से आवागमन करना होता है।

- चित्र - 10 - अरुण चौहान।

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- सोनईचा से चेरापुर बहुत ही खराब है क्षेत्र का प्रमुख मार्ग है जंगीगंज बाजार तथा नौकरीपेशा करने वाले इसी मार्ग से गुजरते हैं। सड़क पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। अधिकारी और जनप्रतिनिधि कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

- चित्र - 11 - धर्मेंद्र गौतम।

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- राहगीरों की सुविधा के लिए बनी सड़कों को गड्ढा मुक्त का दावा केवल कागजों में ही सिमटी हुई है। प्रत्येक साल लाखों- करोड़ों खर्च होता है लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं होता दिख रहा है। सड़कों पर पैदाल भी नहीं चल सकते हैं। ऐसी हालत हो चुकी है।

- चित्र -12 - कमलेश मौर्य।

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