150 ईंट उद्यमियों के खिलाफ नोटिस, होगी रिकवरी
जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) बगैर प्रदूषण प्रमाण पत्र लिए मनमाने तरीके से संचालित हो
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : बगैर प्रदूषण प्रमाण पत्र लिए मनमाने तरीके से संचालित हो रहे तमाम ईंट भट्ठे पर्यावरण में जहर तो घोल रहे हैं। संचालक राजस्व को भी चपत लगाने में पीछे नहीं हट रहे हैं। बेधड़क मिट्टी की खनन कर ईंट व्यवसाय किया जा रहा है लेकिन रायल्टी जमा करने में रूचि नहीं ली जा रही है। वर्ष 2020-21 में 50 लाख रुपये से अधिक विनियमन शुल्क की अदायगी न करने पर डेढ़ सौ ईट भट्टा मालिकों को नोटिस जारी की गई है। नोटिस में चेताया गया है कि समय से बकाया राशि जमा नहीं गई तो आरसी जारी की जाएगी।
नियम ताख पर रखकर खनन
- खेतों से मिट्टी खोदने के लिए खनन विभाग के अधिनियम के तहत 20 शर्तें तय की गई हैं। इसमें ईंट भट्ठा संचालन के लिए मिट्टी खोदाई के उपरांत दूसरे स्थान पर ले जाने का नियम है। जबकि धरातल पर यह है कि खोदाई कर उसी स्थान पर पथाई भी किया जाता है। इसके अलावा किसी भी दशा में एक मीटर से ज्यादा गहराई तक खोदाई नहीं किया जाएगा। जिस खेत से मिट्टी उठा रहे हैं। उस खेत के चारों ओर मेड़ों के सहारे ऊपर की तरफ आधा मीटर तक तलहटी में एक मीटर मिट्टी छोड़नी होगी और मिट्टी निकालते समय खेत की ऊपरी सतह की उपजाऊ मिट्टी को पहले एक स्थान पर एकत्र करना चाहिए। इसके बाद मिट्टी काटने के बाद उसे खेत में फैलाना होगा। खोदाई के समय खेत से खेत के चारों ओर पर्दे लगाने होंगे, जिससे धूल आदि न उड़े।
----------
- ईंट भट्ठा संचालको प्रति वर्ष 1.10 लाख रुपये की दर से रायल्टी जमा करना होता है। अधिसंख्य भट्टा संचालकों ने विनियमन शुल्क नहीं जमा किया है। जिनके खिलाफ आरसी जारी की तैयारी की जा रही है। इसके पहले एक मौका देते हुए सभी भट्ठा संचालकों को नोटिस जारी की गई है।
अरविद कुमार, खनन निरीक्षक