जिला अस्पताल के टॉयलेट में पानी नहीं, डीएम नाराज

समय दोपहर के 12.30 बजे। स्थान महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल ज्ञानपुर। जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद के निरीक्षण में एक-एक कर खामी सामने आने लगी। निरीक्षण के दौरान जब ईमरजेंसी के बंद टॉयलेट को खोलने के लिए कहा तो अस्पताल कर्मियों के खामियों का भय सताने लगा और पसीने से तर-बतर हो गए। गेट खुलते ही अंदर घुसने के बाद डीएम ने नल की टोटी चेक किया तो पानी न गिरने से पारा चढ़ गया। नाराजगी जाहिर करते हुए कड़ी फटकार लगाई। तत्काल पानी आपूर्ति की व्यवस्था सुचारु करने को निर्देश दिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Oct 2019 07:30 PM (IST) Updated:Thu, 17 Oct 2019 07:33 PM (IST)
जिला अस्पताल के टॉयलेट में पानी नहीं, डीएम नाराज
जिला अस्पताल के टॉयलेट में पानी नहीं, डीएम नाराज

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : महाराजा चेतसिंह जिला अस्पताल ज्ञानपुर में दोपहर करीब साढ़े 12 बजे डीएम राजेंद्र प्रसाद के निरीक्षण में कई खामियां निकलकर सामने आईं। इमरजेंसी के बंद टॉयलेट को खोलने के लिए कहा। डीएम ने नल की टोटी चेक किया तो पानी नहीं आ रहा था। नाराजगी जाहिर की और फटकार लगाई। पानी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कहा। पैथालॉजी, एक्स-रे व लेबर रुम पहुंचे डीएम ने व्यवस्था दुरुस्त करने की नसीहत दी। चेताया कि गर्भवती महिलाओं के उपचार व प्रसूताओं को दिक्कत नहीं होनी चाहिए। इसके बाद ब्लड बैंक और इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीजों के रजिस्टर व सभी वार्डों, पोषण पुनर्वास केंद्र, डेंगू वार्ड और ओपीडी की हकीकत देखी।

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पुनर्वास केंद्र में बेड खाली मिलने पर भड़के डीएम

-जिला अस्पताल के निरीक्षण में पोषण पुनर्वास केंद्र में एक भी कुपोषित बच्चों को भर्ती न मिलने पर डीएम भड़क गए। नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जिले में अति कुपोषित चार हजार से अधिक बच्चे होने के बावजूद सभी दस बेड खाली मिलने का मतलब गंभीर लापरवाही बरती जा रही है। जिला कार्यक्रम अधिकारी को पत्र लिखकर जवाब-तलब किया है। कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से सूची लेकर अतिकुपोषित व कुपोषित बच्चों को योजना का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें।

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उपलब्ध ब्लड व दवाओं की मांगी सूची

-जिला अस्पताल में निरीक्षण के वक्त जिलाधिकारी ने अस्पताल में उपलब्ध दवाओं व ब्लड बैंक में उपलब्ध ब्लड की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। औचक निरीक्षण के दौरान जिला अस्पताल में यूनीफार्म में एक भी चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी नहीं मिले। हालांकि इसे डीएम ने गंभीरता से न लेकर अनदेखी कर दिया।

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