हस्ताक्षर भर नहीं, काम करने वाले प्रतिनिधि चुने जाएं तभी लाभ

जासं भदोही कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है। कालीन

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 04:25 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 04:25 PM (IST)
हस्ताक्षर भर नहीं, काम करने वाले प्रतिनिधि चुने जाएं तभी लाभ
हस्ताक्षर भर नहीं, काम करने वाले प्रतिनिधि चुने जाएं तभी लाभ

जासं, भदोही : कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है। कालीन उत्पादन व निर्यात करने वाले देश के अन्य प्रांतों के साथ भदोही-मीरजापुर परिक्षेत्र में चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। संभावित दावेदार निर्यातकों को रिझाने में जुट गए हैं। इस बार उद्योग हित में काम करने वालों को वरीयता देने पर बल दिया जा रहा है।

निर्यातकों का मानना है कि देश के कालीन निर्यात को बढ़ावा देने वाले प्रमुख संगठन सीईपीसी में भदोही-मीरजापुर के निर्यातकों की 70 फीसद भागीदारी होने के बाद भी प्रदेश का निर्यात लगातार गिरता जा रहा है। ऐसे में पद हासिल कर हस्ताक्षर करने तक सीमित रहने वाले संभावित दावेदारों को झटका लगेगा। सीईपीसी से जारी अधिसूचना के अनुसार दो से नौ सितंबर तक आनलाइन मतदान किया जाएगा। 10 को मतगणना व परिणाम की घोषणा की जाएगी। 17 प्रशासनिक सदस्यों वाले इस चुनाव में 10 सदस्य यूपी से चार शेष भारत से व तीन कश्मीर से चुने जाएंगे। निर्वाचित प्रशासनिक सदस्यों में एक उपाध्यक्ष चुना जाएगा जो बाद में परिषद का चेयरमैन होगा। नामांकन की तिथि 10 अगस्त तक निश्चित की गई है। चुनाव के लिए पहले से तैयारी करने वाले संभावित निर्यातक सक्रिय हो गए हैं। पूर्व के तीन सदस्यों को छोड़कर कई पुराने चेहरे इस बार भी दौड़भाग कर रहे हैं।

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चेयरमैन सहित नौ सदस्य यूपी से

: कालीन निर्यात को बढ़ावा देने वाले सीईपीसी में यूपी (विशेषकर भदोही) का प्रतिनिधित्व 60 से 70 फीसद रहा। लगभग तीन दशक से यूपी के निर्यातकों का वर्चस्व कायम है लेकिन इसे दुर्भाग्य ही कहा जाए कि निर्यात के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश लगातार पिछड़ता रहा। यहां तक कि हरियाणा हमसे आगे निकल गया। चेयरमैन सहित नौ सदस्य यूपी के थे।

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