नीम हकीम के इंजेक्शन से नौनिहाल की मौत, तोड़फोड़

क्षेत्र के सिकीचौरा गांव में नीम हकीम के इंजेक्शन से गुरुवार को नौनिहाल की हालत बिगड़ गई। आनन- फानन परिवार के लोग हंडिया स्थित एक निजी अस्पताल में ले गए जहां पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 05:17 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 05:17 PM (IST)
नीम हकीम के इंजेक्शन से नौनिहाल की मौत, तोड़फोड़
नीम हकीम के इंजेक्शन से नौनिहाल की मौत, तोड़फोड़

जागरण संवाददाता, ऊंज(भदोही): क्षेत्र के सिकीचौरा गांव में नीम हकीम के इंजेक्शन से गुरुवार को नौनिहाल

की हालत बिगड़ गई। आनन- फानन परिवार के लोग हंडिया स्थित एक निजी अस्पताल में ले गए जहां पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। मौका मिलते ही वह फरार होने में कामयाब रहा। घटना के बाद बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने चिकित्सालय पर हंगामा किया। मौके पर पहुंचे एसडीएम और सीओ ने अस्पताल को सीज कर दिया। इस मामले में स्वजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

ऊंज थाना क्षेत्र के कूबी हरदोपट्टी गांव निवासी रामप्रसाद साहू की पत्नी सीमा देवी अपने चार वर्षीय पुत्र राहत साहू उर्फ साड़े को फोड़ा का इलाज कराने के लिए सिकीचौरा के पास नीम हकीम के चिकित्सालय में गई थी। इलाज के दौरान बच्चे को इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगाते ही उसकी हालत गंभीर होने लगी। स्थिति बिगड़ते देख परिवार के लोग हंडिया स्थित एक अस्पताल में चले गए। बच्चे की मौत की भनक लगते ही आस-पास के लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए। चिकित्सालय में रखी कुर्सी आदि फर्नीचर के सामान को तोड़फोड़ दिए। साथ ही नीम हकीम की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। जानकारी होने पर थानाध्यक्ष सुधीर कुमार त्रिपाठी एवं चिकित्सा अधीक्षक गुलाब शंकर यादव मयफोर्स मौके पर पहुंच गए। किसी तरह आक्रोश को नियंत्रित किया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक के पिता राम प्रकाश साहू की तहरीर पर नीम हकीम कपिल देव बिद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उप जिलाधिकारी चंद्रशेखर और पुलिस क्षेत्राधिकारी मौके पर पहुंच कर चिकित्सालय को सील कर दिया।

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स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में चलता है कारोबार

जिले में स्वास्थ्य विभाग के संरक्षण में नीम हकीमों का व्यापार चलता है। सिकीचौरा में यह पहला वाकया नहीं है। इसके पहले भी कई नीम हकीम जान ले चुके हैं। बताया जाता है कि स्वास्थ्य विभाग में एक लिपिक है। उसके इशारे पर कई अस्पताल संचालित किए जाते हैं। अलग-अलग नाम से संचालित अस्पतालों का तार लिपिक से जुड़ा रहता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी कई चिकित्सालयों को लाइसेंस भी दे दिया है।

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