कोरोना से निराश्रित 75 नौनिहालों के खाते में पहुंचा नौ लाख

--- बाल सेवा योजना - चिह्नित 10 और बच्चों को राहत राशि देने को डीएम ने किया अनुमोदन - अक्टूब

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 04:22 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 04:22 PM (IST)
कोरोना से निराश्रित 75 नौनिहालों के खाते में पहुंचा नौ लाख
कोरोना से निराश्रित 75 नौनिहालों के खाते में पहुंचा नौ लाख

--- बाल सेवा योजना

- चिह्नित 10 और बच्चों को राहत राशि देने को डीएम ने किया अनुमोदन

- अक्टूबर से दिसंबर तक के दूसरी किस्त खाते में भेजने की हो रही तैयारी

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जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर(भदोही):कोरोना वायरस संक्रमण के चलते माता अथवा पिता या दोनों को खो देने से निराश्रित हुए बच्चों के भरण पोषण के लिए संचालित योजना के तहत बच्चों के खाते में नौ लाख रुपये भेजे गए हैं। 75 बच्चों के खाते में प्रति माह 4000 हजार रुपये की दर से तीन माह का 12 हजार रुपये भेजा गया है। जबकि चिह्नित हुए 10 और बच्चों को राहत राशि भेजने के लिए जिलाधिकारी की ओर से अनुमोदन कर दिया गया है। विभाग बच्चों की निगरानी में लगा है। वैश्विक महामारी बनकर सामने आए कोरोना संक्रमण ने डीघ ब्लाक क्षेत्र के एक गांव निवासी तीन बच्चों (सगे भाई-बहन) के माता-पिता दोनों को छीन लिया। बच्चे अपने दादा सहित संयुक्त परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रह रहे हैं। उनकी पढ़ाई-लिखाई चल रही है। उन्हें यह आभास नहीं होने दिया जा रहा है कि उनके माता-पिता नहीं हैं। इस तरह एक दो नहीं बल्कि कोरोना की क्रूरता का शिकार बने बच्चों की पालन पोषण, शिक्षा से लेकर शादी तक की शासन ने चिता की है। 75 बच्चों के खाते में प्रति माह चार हजार रुपये की दर से तीन माह का जुलाई से सितंबर तक के लिए नौ लाख रुपये खाते में भेजा जा चुका है। जिला प्रोबेशन अधिकारी शत्रुघ्न कनौजिया ने बताया कि 10 बच्चों का और अनुमोदन हुआ है। सभी के खाते में अक्टूबर से दिसंबर तक की धनराशि जल्द ही खाते में भेजी जाएगी।

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क्या हैं सरकार की राहत देने की योजना

- कोरोना संक्रमण से निराश्रित हुए बच्चों के पालन-पोषण से लेकर शिक्षा व बालिकाओं के शादी तक की चिता की गई है। शासन ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का संचालन शुरू किया है। इसके अंतर्गत प्रत्येक बच्चे को 18 वर्ष की उम्र तक प्रत्येक माह चार हजार रुपये की सहायता दी जाएगी। बालिकाओं को कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में निश्शुल्क आवासीय शिक्षा दी जाएगी। बालकों के शिक्षा के लिए भी मंडल स्तर पर आवासीय स्कूल बनाए जाएंगे। लैपटाप व टैबलेट भी मुहैया कराया जाएगा। बच्चों के चल-अचल संपत्ति की कानूनी सुरक्षा दी जाएगी तो बालिकाओं की शादी के लिए एक लाख एक हजार रुपये की भी व्यवस्था की गई है।

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