तैयारी में लापरवाही हुई तो गहराएगा डीएपी का संकट

जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) रबी अभियान की प्रमुख फसल गेहूं सहित दलहन-तिलहन (चना मट

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 04:54 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 04:54 PM (IST)
तैयारी में लापरवाही हुई तो गहराएगा डीएपी का संकट
तैयारी में लापरवाही हुई तो गहराएगा डीएपी का संकट

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : रबी अभियान की प्रमुख फसल गेहूं सहित दलहन-तिलहन (चना, मटर, सरसों) आदि की बोआई की तैयारी में लगे 1.90 लाख किसानों के समक्ष उर्वरक (डीएपी) का संकट गहरा सकता है। समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो किसानों को छिड़काव के लिए डीएपी नहीं मिल पाएगी। पीसीएफ के गोदाम से लेकर समितियों तक पर निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष उपलब्धता के आंकड़े यही कह रहे हैं कि इस बार संकट खड़ा होगा। प्री पोजिशनिग के नाम पर अभी तक निर्धारित लक्ष्य की आधी भी डीएपी नहीं उपलब्ध हो सकी है। जबकि किसानों की मांग लक्ष्य से भी कई गुना ज्यादा है।

रबी अभियान की दलहन-तिलहन (चना, मटर, सरसों) फसल की बोआई शुरू हो चुकी है। तो आगामी माह से प्रमुख फसल गेहूं की बोआई भी शुरू हो जाएगी। निर्धारित लक्ष्य व मांग के अनुरूप उपलब्धता की स्थिति काफी डांवाडोल दिखाई पड़ रही है। देखा जाए तो रबी अभियान में उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (पीसीएफ) के अंतर्गत स्थापित साधन सहकारी समितियों से कुल 2700 मीट्रिक टन डीएपी वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके सापेक्ष 1141 मीट्रिक टन डीएपी ही उपलब्ध हो सकी है। यह तो रही लक्ष्य व उपलब्धता की बात। जरूरत की बात करें तो जानकारों के अनुसार रबी अभियान में गेहूं सहित अन्य फसल की होने वाली करीब 45 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल की खेती में प्रयोग के लिए किसानों को कम से कम छह से सात हजार मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत होगी। इसी तरह यूरिया के निर्धारित लक्ष्य 7459 के सापेक्ष मात्र 1263 टन यूरिया की ही उपलब्धता हो सकी है।

---------

- लक्ष्य के सापेक्ष उपलब्धता अभी कम है। डीएपी की आपूर्ति के लिए एआर कोआपरेटिव व जिलाधिकारी को अवगत कराया गया है। उनकी ओर से शासन को पत्र भी लिखा गया है। उम्मीद है कि जल्द ही और डीएपी की आपूर्ति हो जाएगी।

---अभयराज सिंह, जिला प्रबंधक, पीसीएफ, भदोही।

chat bot
आपका साथी