एंबुलेंस के आक्सीजन सिलेंडर ने 33 संक्रमितों की बचाई जान

महाराष्ट्र के नासिक सरीखे हादसे का ²श्य सामने दिख रहा था। महाराजा बलवंत सिंह अस्पताल परिसर में बने कोविड हास्पिटल में बुधवार की रात महज दो आक्सीजन के सिलेंडर बचे थे। खपत के हिसाब से यह दो घंटे में खत्म हो जाते।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 03:49 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 03:49 PM (IST)
एंबुलेंस के आक्सीजन सिलेंडर ने 33 संक्रमितों की बचाई जान
एंबुलेंस के आक्सीजन सिलेंडर ने 33 संक्रमितों की बचाई जान

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर(भदोही): महाराष्ट्र के नासिक सरीखे हादसे का ²श्य सामने दिख रहा था। महाराजा बलवंत सिंह अस्पताल परिसर में बने कोविड हास्पिटल में बुधवार की रात महज दो आक्सीजन के सिलेंडर बचे थे। खपत के हिसाब से यह दो घंटे में खत्म हो जाते। रात का समय था, स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों में अफरा-तफरी मची थी। अस्पताल में भर्ती 33 संक्रमितों का जान संकट में था। आखिरकार एंबुलेंस 108 के लिए रखा आक्सीजन सिलेंडर को मंगाकर काम चलाया गया। रात में ही खाली पड़े 63 सिलेंडर को भरने के लिए रामनगर भेज दिया गया। वहां पर भी आक्सीजन न मिलने पर चंदौली में रिफलिग कराया गया। गुरुवार को देर शाम तक आक्सीजन सिलेंडर पहुंचने की उम्मीद है।

वैश्विक महमारी कोरोना इन दिनों बेकाबू हो चुका है। बाजार से दवाइयां गायब हो गई हैं तो आक्सीजन और इंजेक्शन खरीदने के लिए परिवार के लोग इधर-उधर भटक रहे हैं। जिले में संक्रमितों की संख्या एक हजार के करीब पहुंच गई है। महाराजा बलवंत सिंह कोविड अस्पताल में 33 संक्रमितों को आक्सीजन पर रखा गया। बुधवार की रात महज दो सिलेंडर बचे थे। चिकित्सकों का कहना है कि सिलेंडर दो घंटे में ही खत्म हो जाते और नासिक की तरह भदोही में ही घटना से इनकार नहीं किया जा सकता था आनन- फानन एंबुलेंस के लिए रखे सिलेंडर को मंगाया गया। अब तक उसका ही उपयोग हो रहा है। आक्सीजन सिलेंडर रिफलिग के लिए चंदौली भेजा गया है। देर शाम तक आक्सीजन सिलेंडर कोविड अस्पताल पहुंच जाएगा। सीएमओ डा. लक्ष्मी सिंह ने बताया कि आपदा में किसी तरह की अनुमति की जरूरत नहीं है। पहले संक्रमितों की जान की सुरक्षा करना है। कहीं पर भी सिलेंडर रखा रहता उठा लाती। 63 आक्सीजन सिलेंडर रिफलिग होकर चंदौली से निकल चुका है।

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