भूमि विवाद में हेड कांस्टेबल की हत्या

जागरण संवाददाता ज्ञानपुर(भदोही) जौनपुर के सुरेरी थाने में तैनात हेड कांस्टेबल फूलचंद ि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 06:35 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 06:35 PM (IST)
भूमि विवाद में हेड कांस्टेबल की हत्या
भूमि विवाद में हेड कांस्टेबल की हत्या

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर(भदोही): जौनपुर के सुरेरी थाने में तैनात हेड कांस्टेबल फूलचंद मिश्रा (52) की भदोही के ज्ञानपुर कोतवाली क्षेत्र में स्थित सरपतहां में खूंटा से प्रहार कर हत्या कर दी गई। उनकी पुत्री नीतू मिश्रा की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस गिरफ्तारी में जुटी हुई है।

प्रयागराज जनपद के कृष्ण बिहारी कालोनी ट्रांसपोर्ट नगर निवासी नीतू मिश्रा ने तहरीर देकर आरोप लगाया कि उसके पिता फूलचंद मिश्रा जौनपुर जनपद के थाना सुरेरी में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात थे। वह 26 जुलाई को अपने साथी अनिल सिंह उर्फ बबलू निवासी परऊपुर थाना मुंगराबादशाहपुर और मृत्युंजय मिश्रा पुत्र शीतला प्रसाद मिश्रा निवासी भानुपुर थाना सुरेरी के साथ सरपतहां में कैलाश दुबे के घर गए थे। कैलाश दुबे और उनके पड़ोसी विधान दुबे व राहुल दुबे पुत्रगण केशनाथ दुबे के बीच भूमि विवाद चल रहा था। आरोप है कि वह आपस में मारपीट कर थे कि उसके पिता फूलचंद मिश्र बीच- बचाव करने लगे। इसी दौरान आरोपित विपिन दुबे पुत्र राहुल दुबे द्वारा खूंटा को उखाड़कर सिर पर वार कर दिया गया। आनन- फानन उन्हें भदोही स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर मंगलवार को देर रात मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही मौेके पर पहुंची पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस मामले विपिन दुबे और राहुल दुबे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। एसपी रामबदन सि ने बताया कि सुरेरी थाने से बगैर अवकाश लिए वह अपने साथी कैलाश दुबे के यहां आए थे। पड़ोसियों में चल रहे विवाद में बीच-बचाव करते समय चोट लग गई थी। इलाज के बाद वह अपने साले के घर चले गए थे। मंगलवार को हालत गंभीर होने पर निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां पर उनकी मौत हो गई। इसकी जानकारी मिलने पर मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। उनके खिलाफ सुरेरी में भी बगैर सूचना गायब होने पर रपट लिखी गई है।

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सवालों में घिरी हेड कांस्टेबल हत्या की कहानी

प्रयागराज के हेड कांस्टेबल फूलचंद मिश्र की तैनाती जौनपुर के सुरेरी थाने में है। वह तीन दिन से बगैर अवकाश ही गायब थे। अहम सवाल यह है कि सरपतहां में वह किस संबंध का निर्वहन करने आते थे। ग्रामीणों ने बताया कि वह इसके पहले भी कई बार गांव में आ चुके हैं। मामला निस्तारित भी हो गया था। इसके बाद भी पुलिसिया रौब गांठ रहे थे। आस-पास के लोग भी यह कैलाश दुबे और मृतक फूलचंद मिश्र के संबंधों के विषय में नहीं बता पा रहे थे। घटना के बाद तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं।

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