सर्पदंश से बचाव की जानकारी रखें, भ्रांतियां न पालें
जागरण संवाददाता ज्ञानपुर(भदोही) बारिश आने के साथ ही जिले में सांप के डंसने के मामले अधि
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर(भदोही): बारिश आने के साथ ही जिले में सांप के डंसने के मामले अधिक आ रहे हैं। इससे व्यक्ति की मौत हो जाती है। सांप के डंसने को अनदेखा नहीं करना चाहिए। किसी नजदीक अस्पताल में तुरंत लेकर जाएं। झाड़-फूंक में ना रहें।
सांप के दांत के नीचे विष की थैली होती है। काटने पर विष की थैली सीधे शरीर में खून के माध्यम से जहर फैल जाता है। सामान्तय: जहरीले सांपों के काटने पर दांतों के दो निशान अलग ही दिखाई देते हैं। गैर विषैले सांप के डसने पर दो से ज्यादा निशान हो सकते हैं, परन्तु यह निशान नहीं दिखता है, यह सोचना गलत होगा कि सांप ने नहीं डंसा है। ज्यादातर सांप गैर विषैले भी होते हैं। सांप के डंसने पर करीब-करीब 95 फीसद मामलों में पहला लक्षण नींद का आना है। इसके साथ ही निगलने या सांस लेने में तकलीफ होती है। आमतौर पर सांप के डंसने पर आधे घंटे बाद लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
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सांप के डसने पर यह नहीं करें
-काटे हुए स्थान को रस्सी से ना बांधें
- ब्लेड से ना कांटे
-पारंपरिक तारीकों का इस्तेमाल ना करें
-मुंह से खून ना चूसें
-ओझा या भगत के पास ना जाएं
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सांप के डंसने पर यह करें-
सांप से डसे व्यक्ति को दिलासा दिलाएं। घटना के तथ्यों का पता लगाएं। गीले कपडे से डंक की जगह की चमड़ी को साफ करें, जिससे वहां पर लगा विष निकल जाए। सांप डंसे व्यक्ति को करवट सुलाएं क्योंकि कई बार उल्टी भी होने लगती है, इसलिये करवट सुलाने से उल्टी श्वसनतंत्र में ना जाए। जहां पर सांप ने डंसा है उस स्थान पर हल्के कपडे से बांध दें ताकि हिलना डुलना बंद हो जाए। सांप डंसे व्यक्ति को तत्काल नजदीक अस्पताल ले जाने की व्यवस्था बनाएं। सांप के डंसने के जहर को मारने के लिए अस्पताल में मुफ्त में एंटी स्नेक इंजेक्शन लगाया जाता है। यह इंजेक्शन प्रत्येक अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।