झमाझम बारिश बढ़ी मुश्किलें, चहुंओर पानी-पानी

जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) अनवरत हो रही मूसलधार बारिश से संकट बढ़ गया है। आम ज

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 06:33 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 06:33 PM (IST)
झमाझम बारिश बढ़ी मुश्किलें, चहुंओर पानी-पानी
झमाझम बारिश बढ़ी मुश्किलें, चहुंओर पानी-पानी

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : अनवरत हो रही मूसलधार बारिश से संकट बढ़ गया है। आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लगातार हो रही बारिश के चलते सड़कों व मुख्य मार्गो पर जलजमाव से गमनागमन अवरूद्ध हो गया है।

जलजमाव से जहां लोगों की दिक्कतें

बढ़ गई हैं वहीं काम-धाम बंद होने से गरीब व मजदूरी पेशा परिवारों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। बारिश के कहर से कच्चे

मकान गिरने लगे हैं। औराई ब्लाक अंतर्गत पूर्व माध्यमिक विद्यालय नरथुआं की चहारदीवारी ढह गई है तो अन्य स्थानों पर कहीं कच्चे घर व छप्पर आदि गिरने की भी घटनाएं हुई

हैं। रविवार को भी जिले में झमाझम बारिश से जलजमाव व कीचड़-पानी से एक कदम चलना कठिन रहा।

बाबूसराय प्रतिनिधि के अनुसार : कटका तालाब पूरी तरह जलमग्न हो चुका है। वहीं बाबूसराय बाजार में स्थित तालाब के किनारे मिट्टी कटान को रोकने के लिए बनाई गई दीवाल ढह गई। उधर ताल में पानी भरने से किसानों की चिता बढ़ गई है। यदि निकासी की व्यवस्था नहीं हुई तो धान की रोपाई करना भी मुश्किल होगा। ऊंज प्रतिनिधि के अनुसार : लगातार हो रही बारिश के चलते क्षेत्र के की सड़कों पर हुए जलजमाव के चलना मुश्किल हो चुका है। चाहे व राजमार्ग पर स्थित सूफीनगर से निकलकर जंगीगंज रेलवे स्टेशन जाने वाला मार्ग हो या फिर अन्य सड़कें। जलजमाव के मुश्किल बढ़ी है। उधर कुरमैचा ताल भी जलमग्न हो चुका है। किसानों की चिता बढ़ चुकी है। किसानों ने ताल के पानी निकासी की व्यवस्था कराने की मांग की है।

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लबालब खेतों को देख हाथ मलते रहे अन्नदाता

- जनपद में चार दिनों से हो रही झमाझम बारिश से जहां खेत लबालब हो उठे तो वहीं किसान मेड़ों पर पहुंच धान की रोपाई न कर पाने को लेकर हाथ मलते रह जा रहे हैं। हां इतना जरूर रहा कि खेतों के टूटे-फूटे मेड़ों का दुरूस्तीकरण करने में जुटे देखे गये। दरअसल, धान की नर्सरी डालने का काम अभी चल ही रहा है। किसी की नर्सरी तैयारी नहीं हो सकी है। ऐसे में इस पानी का कोई लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। उधर पानी की अधिकता से सब्जियों आदि की फसल पर भी खतरा खड़ा हो चुका है।

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