कामयाबी की मंजिल पाने के लिए इल्म हासिल करना जरूरी
जासं भदोही इल्म (शिक्षा) ऐसी सीढ़ी है जो कामयाबी की मंजिल तक पहुंचने में मदद करती है। द
जासं, भदोही : इल्म (शिक्षा) ऐसी सीढ़ी है जो कामयाबी की मंजिल तक पहुंचने में मदद करती है। दुनिया और आखरत में जिसे कामयाब होना है उसे हर हाल में इल्म हासिल करना होगा। कजियाना मोहल्ले में रविवार की रात आयोजित जश्ने गौसुलवरा जलसे में खिताब करते हुए मौलाना अब्दुस्समद जेयाई यह बातें कहीं।
कहा कि गौसे आजम का नारा लगाने वालों को शायद यह नहीं पता होगा कि उस मोकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने कितनी इबादतें की थीं। इल्म हासिल करने के लिए कितनी मशक्कत किया था।
उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को मोबाइल में चैटिग करने में अपना कीमती वक्त गंवा रहे हैं। इन्हें दीन की जानकारी है न ही दुनिया की।कहा कि कुरआन और हदीस तो छोडिए इन्हें अपने कोर्स कि किताबों का सबक भी याद नहीं है। कहा कि गौसे आजम की जिदगी हमारे सामने आइने की तरह है। उनसे सबक लेकर सच्चाई व इमानदारी का रास्ता अपनाने की जरूरत है। ताकि दुनिया में भी सम्मान व इज्जत मिले और आखरत भी संवर जाए। इससे पहले जलसे का आगाज तिलावते कुरआन से किया गया। भिवंडी से आए शायर हाफिज आस मोहम्मद ने अपने नतिया कलाम से महफिल में चार चांद लगा दिया। उस्ताद शायर शमशाद करीमी, कैसर जौनपुरी, नेहाल हबीबी, शाबान करीमी, हाजी आजाद खान, अखलाक खान, जावेद आसिम ने नाते पाक का नजराना पेश किया। निजामत हसनैन रजा जौनपुरी ने किया। हाजी इफ्तिखार अंसारी ने लोगों का शुक्रिया अदा किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।