मुहब्बत व भाइचारे का सबक देता है इस्लाम

अजीमुल्लाह चौराहा स्थित ईदगाह में शनिवार की रात आयोजित जलसे में उलेमा-ए-कर

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 04:36 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 04:36 PM (IST)
मुहब्बत व भाइचारे का सबक देता है इस्लाम
मुहब्बत व भाइचारे का सबक देता है इस्लाम

जासं, भदोही : अजीमुल्लाह चौराहा स्थित ईदगाह में शनिवार की रात आयोजित जलसे में उलेमा-ए-कराम ने सीरते नबी पर अमल करने की नसीहत देते हुए कहा कि नबी की सुन्नत पर अमल करने वाला दुनिया ही नहीं आखरत में भी कामयाब होता है। मौलाना नूर आलम ने अल्लाह ने नबी को पूरी दुनिया के लिए रहमत बनाकर भेजा था। ताकि दुनिया से बुराइयों का खात्मा किया जा सके।

मौलाना ने कहा मेरे नबी 1400 साल पहले आतंकवाद को ़खत्म कर इंसानियत (मानवता) का पाठ पढ़ाया था। दावा किया कि नबी का मानने वाला दहशत गर्द हो ही नहीं सकता। मजहबे इस्लाम मानवता का पाठ पढ़ाता है भाई चारे को बढ़ावा देता है। इससे पहले मौलाना महफू•ा आलम ने नबी की सीरत बयान कर लोगों को अखलाक व मुहब्बत के साथ जिदगी बिताने का दर्स दिया। सदारत कर रहे मदरसा शमसिया तेगिया के प्रिसिपल मौलाना फैसल हुसैन अशरफी ने कहा कि हमने कुरआन पढ़ना छोड दिया है। कहा कि इस्लाम की बुनियाद इमान पर कायम है लेकिन अफसोस की बात है कि आज हमारा इमान बेहद कमजोर हो चुका है। दुनिया की तमाम बुराइयां हमारे अंदर आ गई हैं। मौलाना ने खबरदार करते हुए कहा कि दुनिया व आखरत में कामयाब होना है तो अब भी वक्त संभल जाएं। शायरों शायर जावेद आसिम, आकिब रजा, नजर नवा•ा, नेहाल हबीबी आदि ने नाते रसूल का नजराना पेश किया। इस मौके पर हाफिज तबरेज, गुलाम रसूल आदि थे। निजामत हा़िफज शाहिद ने किया।

chat bot
आपका साथी