हिदी में है सभी को एक सूत्र में पिरोने का साम‌र्थ्य

हिदी दिवस के मौके पर मंगलवार को जगह-जगह आयोजित गोष्ठि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 05:59 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 05:59 PM (IST)
हिदी में है सभी को एक सूत्र में पिरोने का साम‌र्थ्य
हिदी में है सभी को एक सूत्र में पिरोने का साम‌र्थ्य

जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) : हिदी दिवस के मौके पर मंगलवार को जगह-जगह आयोजित गोष्ठियों में हिदी की महत्ता पर गहन चितन-मनन किया गया। मातृभाषा हिदी को सशक्त करने का संकल्प लिया गया। कहा गया कि हिदी में ही वह साम‌र्थ्य है कि सभी को एक सूत्र में पिरो सकती है।

काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज्ञानपुर में हिदी विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में हिदी विभागाध्यक्ष डा. किरण शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में हिदी राजनीति का शिकार हुई है। कुछ अहिदी भाषी लोगों के विरोध के चलते राष्ट्रभाषा के रूप में प्रतिष्ठित नहीं हो सकी है। डा.श्रीश कुमार उपाध्याय ने हिदी को देश की शान व स्वाभिमान का प्रतीक बताया। इस दौरान छात्र-छात्राओं के बीच हिदी भाषा का राष्ट्र के विकास में योगदान विषयक वाद-विवाद प्रतियोगिता संपन्न कराई गई, जिसमें सुभाषिनी मिश्र ने प्रथम, आकांक्षा यादव-द्वितीय व पूजा यादव ने तृतीय स्थान हासिल किया। निशांत पांडेय को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। निर्णायक मंडल में डा. दीपनारायण मिश्र, डा. प्रियंका मराल व डा. महेंद्र यादव रहे। संचालन आलोक रंजन सिंह यादव ने किया। डा. मनोज अवस्थी, डा. इंग्लेश भारती, डा. राजेंद्र कुमार राजन व अन्य प्राध्यापक थे।

आदर्श उच्च प्राथमिक विद्यालय ज्ञानपुर में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों को हिदी दिवस की महत्ता से अवगत कराया गया। मानिकचंद्र यादव ने बताया कि 14 सितंबर 1949 में संविधान सभा द्वारा निर्णय लिया गया कि संघ की राष्ट्रभाषा हिदी और लिपि देवनागरी होगी। इसी के उपलक्ष्य में 14 सितंबर को प्रतिवर्ष हिंदी दिवस मनाया जाता है। बच्चों के बीच कविता पाठ आदि कराया गया तो उन्हें पेन, पेंसिल, रबर व कटर आदि देकर प्रोत्साहित किया गया। इस मौके पर सुभाषचंद्र, विनोद कुमार, रीमा चौहान आदि शिक्षक थे।

इसी तरह कृषि विज्ञान केंद्र बेजवां में आयोजित गोष्ठी में हिदी दिवस मनाया गया। केंद्र प्रभारी डा. विश्वेंदु द्विवेदी ने हिदी के प्रयोग व बोलचाल की भाषा में परिष्कृत हिदी की व्यवस्था की आवश्यकता पर जोर दिया। डा. एके चतुर्वेदी, डा. आरपी चौधरी, डा. गोविद चौधरी ने भी हिदी की महत्ता पर प्रकाश डाला। इस मौके पर हिदी अपनाने का संकल्प दिलाया गया। इस मौके पर डा. रेखा सिंह, प्राथमिक विद्यालय बेजवां के प्रधानाध्यापक समरबहादुर,

हिदी को रोजी-रोटी से जोड़ने पर जोर

- हिदी साहित्य परिषद के तत्वावधान में भुड़की गांव स्थित पं. दीनानाथ पाठक के आवास पर विचार व काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें शामिल साहित्यकार व कवियों ने हिदी के उत्थान, प्रचार-प्रसार पर चर्चा की। साहित्यकार पारसनाथ मिश्र ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात हिदी का जो उत्थान होना चाहिए था वह आज तक नहीं हो सका है। सुरेश पांडेय मंजुल ने कहा कि हिदी को प्रतिष्ठापित करने के लिए इसे रोजी रोटी से जोड़ने की जरूरत पर जोर दिया। कवियों ने अपनी रचनाओं के जरिए हिदी की महत्ता पर प्रकाश डाला। कन्हैयालाल दुबे, अर्जुन मुसाफिर, अतुल पाठक, विपुल पाठक, सभाजीत पाठक, रोहित, रमाशंकर व अन्य थे।

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