मशीनमेड के आगे संकट में हस्तनिर्मित कालीनों का वजूद

जासं भदोही मशीन मेड के बढ़ते प्रचलन के आगे कलात्मक हस्तनिर्मित कालीनों का वजूद खतरे में

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 07:38 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 07:38 PM (IST)
मशीनमेड के आगे संकट में हस्तनिर्मित कालीनों का वजूद
मशीनमेड के आगे संकट में हस्तनिर्मित कालीनों का वजूद

जासं, भदोही : मशीन मेड के बढ़ते प्रचलन के आगे कलात्मक हस्तनिर्मित कालीनों का वजूद खतरे में पड़ गया है। सस्ते व फैंसी उत्पादों के प्रति आयातकों की बढ़ती रूचि ने हस्तनिर्मित कालीनों का उत्पादन करने वाले व्यवसायियों को बैकफुट पर आने के लिए विवश कर दिया है। विश्वबाजार में हैंडनटेड के कारण ही भारतीय कालीनों की अलग पहचान कायम है।

तीन दशक पहले तक देश से होने वाले निर्यात में 80 फीसद भागीदारी हस्तनिर्मित कालीनों की हुआ करती थी लेकिन वर्तमान समय 20 से 25 फीसद पर निर्यात हो रहा है, जो गंभीर चिता का विषय है। निर्यातकों का मानना है कि जिस तरह तरह से मशीनमेड के प्रति ग्राहकों की रूचि बढ़ रही है उसे देखते हुए हैंडमेड का लुप्त होना तय है। ऐसे में सरकार के सहयोग से इसके लिए विशेष प्रयास करने की जरूरत है ताकि हैंडमेड का वजूद बरकरार रहे। इस संबंध में अखिल भारतीय कालीन निर्माता संघ (एकमा) ने भारत सरकार के वाणिज्य, उद्योग एवं कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल को पत्र भेजा है। एकमा के मानद सचिव असलम महबूब का कहना है कि मशीन मेड के बढ़ते प्रचलन के कारण हैंडनाटेड कालीनों पर संकट आ गया है। लाकडाउन के कारण दूसरे राज्यों के कुशल कारीगरों व बुनकरों का बड़ी संख्या में पलायन हो चुका है। इसके कारण उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पडा है। प्रदेश का निर्यात लगातार घट रहा है। यही हाल रहा तो आने वाले समय में कालीन उद्योग का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा। उद्योग के लिए मशीनमेड कालीनों का बढ़ता प्रचलन घातक है। बताया कि अपने देश में कालीन व्यवसाय को विकसित करने के लिए टर्की सरकार ने हैंडमेड कालीनों के आयात 10 फीसद से बढाकर 85 फीसद ड्यूटी लगा दिया। इसके कारण भारत से टर्की को होने वाला 250 से 300 करोड़ का निर्यात ठप हो गया। एक तरफ जहां भारत से होने वाले निर्यात पर अंकुश लग गया वहीं दूसरी ओर अपने देश के व्यवसायियों को आवश्यक सुविधा प्रदान कर उन्हें प्रोत्साहित किया। वर्तमान में विश्व बाजार में टर्की भारत का बडा प्रतिद्वंदी हो गया है।

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