अमरोहा के बुनकरों का पलायन, हैंडलूम उत्पादन भी ठप
जागरण संवाददाता भदोही वैश्विक महामारी में बिहार पश्चिम बंगाल सहित अन्य प्रांतों के बुनकर
जागरण संवाददाता , भदोही : वैश्विक महामारी में बिहार, पश्चिम बंगाल सहित अन्य प्रांतों के बुनकरों के पलायन से 80 फीसद कालीन कारखानों में काम ठप है। इस बीच हैंडलूम पर काम करने वाले अमरोहा के बुनकरों ने मोर्चा संभाल रखा था लेकिन अब वह भी पलायन करने लगे। कुछ तो ईद के बहाने घर लौट रहे हैं, वहीं कुछ बुनकर बेकाबू संक्रमण के मद्देनजर संपूर्ण लाकडाउन की आशंका से अपने घरों को लौटने की तैयारी में जुटे हैं। बुनकरों की वापसी से कारखाना संचालकों के साथ-साथ हैंडलूम उत्पादों का निर्यात करने वाले व्यवसायी भी चितित हैं। उनका कहना है कि कि मुश्किल दौर में भी हैंडलूम का काम चल रहा था लेकिन अब वह भी खतरे में पड गया है। घर जा रहे बुनकरों की वापसी कब होगी इसकी कोई गारंटी नहीं है। उधर बुनकरों का कहना है कि हालात बेहतर हुए तभी वापसी के बारे में सोचा जाएगा।
जनपद में हैंडनाटेड, दरी व टफ्टेड के साथ हैंडलूम कालीनों का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है। भदोही, नईबाजार, खमरियां, घोसियां, गोपीगंज सहित अन्य स्थानों पर 300 से 400 हैंडलूम कारखाने हैं। जहां 14 से 15 हजार बुनकर काम करते हैं। हैंडलूम का काम करने वाले अधिकतर बुनकर अमरोहा के होते हैं। कुछ पश्चिम बंगाल व कुछ स्थानीय लोग काम करते हैं। पश्चिम बंगाल वाले बुनकर पहले ही घर वापसी कर चुके हैं। इस बीच ईद के मद्देनजर अमरोहा के बुनकरों ने पलायन शुरू कर दिया है। बाजार सरदार खां मोहल्ले स्थित कारखाने में काम करने वाले अमरोहा निवासी महबूब आलम का कहना है कि 60 फीसद बुनकर घर जा चुके हैं जबकि 10 मई तक बाकी लोग भी चले जाएंगे। कारखाना संचालक मो. शोएब का कहना है कि उनके कारखाने में काम करने वाले 80 फीसद बुनकर घर जा चुके हैं। इसी तरह अन्य कारखानों से भी बुनकरों का पलायन हो रहा है।