घनी आबादी में पटाखों के गोदाम बढ़ा रहे खतरा

जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) कालीन नगरी के आधा दर्जन प्रमुख नगर बारूद के ढेर पर बसे

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 06:43 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 06:43 PM (IST)
घनी आबादी में पटाखों के गोदाम बढ़ा रहे खतरा
घनी आबादी में पटाखों के गोदाम बढ़ा रहे खतरा

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : कालीन नगरी के आधा दर्जन प्रमुख नगर बारूद के ढेर पर बसे हैं, यह कहना अतिशयोक्ति नहीं है। आलम यह है कि अधिकृत पटाखे वालों में से ज्यादातर के पटाखा कारखाने से लेकर गोदाम तक घनी आबादी वाले इलाकों के भीतर हैं जिन्हें नियमानुसार हटवाने की कभी कार्रवाई नहीं की गई। दीपावली पर्व आते ही अवैध रूप से भंडारण भी शुरू कर दिया जाता है। इसके साथ ही प्रशासन की ओर से भी सतर्कता बरती जा रही है।

सरकारी रिकार्डों पर गौर किया जाए तो चार नवंबर 1996 से लेकर जुलाई 2016 तक जिले भर में कुल 39 आतिशबाजों को लाइसेंस जारी किया गया है। कुछ को पटाखा बनाने और बेचने का तो कुछ को केवल बेचने के लिए अधिकृत किया गया। इसमें ज्ञानपुर कोतवाली क्षेत्र में मोहम्मद सिद्दीकी, अब्दुल गफ्फार, मोहम्मद इलियास के अलावा सुरियावां में आठ, गोपीगंज में छह, औराई में सात, भदोही में पांच और रामपुर थाना में दो आतिशबाज शामिल हैं। नियमानुसार पटाखा रखने के गोदाम और उसके कारखाने को बस्तियों से दूर रखना चाहिए। बावजूद इसके स्थानीय पुलिस की लापरवाही के चलते लाइसेंस धारक बस्तियों के अंदर ही गोदाम और कारखाना बनाए हुए हैं। ज्ञानपुर और गोपीगंज में अवैध भंडारण करने से विस्फोट की घटना भी हो चुकी है। चौरी में तो अवैध पटाखा विस्फोट से भवन मालिक सहित 12 बुनकरों की जान जान चली गई थी। स्थिति चाहे जो हो लेकिन कालीन नगरी के ज्ञानपुर, भदोही, गोपीगंज, सुरियावां, घोसियां आदि प्रमुख बाजार बारूद के ढेर पर बसे हैं। दशहरा और दीपावली पर्व के मद्देनजर पुलिस और प्रशासन की टीम लगातार पटाखा कारोबारियों की तलाश में जुटी हुई। गोदामों की छानबीन कर रही है।

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