ज्ञानपुर होगी अब नगर पालिका, भेजा प्रस्ताव

जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने नगर पंचायत ज्ञानपुर को पालिका परिषद बनाए जाने का प्रस्ताव निदेशक निकाय निदेशालय को भेजा है। कहा है कि जिलाधिकारी दीवानी न्यायालय संभागीय परिवहन अधिकारी वन अधिकारी नवोदय विद्यालय और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Dec 2019 08:28 AM (IST) Updated:Sat, 14 Dec 2019 08:28 AM (IST)
ज्ञानपुर होगी अब नगर पालिका, भेजा प्रस्ताव
ज्ञानपुर होगी अब नगर पालिका, भेजा प्रस्ताव

महेंद्र दुबे, ज्ञानपुर (भदोही)

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नगर पंचायत ज्ञानपुर को नगर पालिका परिषद बनाने का प्रस्ताव नगरीय विकास विभाग को भेजा गया है। जिलाधिकारी ने प्रस्ताव निदेशक को भेजा है। कहा है कि जिलाधिकारी, दीवानी न्यायालय, संभागीय परिवहन अधिकारी, वन अधिकारी, नवोदय विद्यालय और बीएसए दफ्तर को भी प्रस्ताव में शामिल किया जाए। आलम यह है कि सरकारी दफ्तर भी नगरीय क्षेत्रफल से बाहर होने पर दिक्कत उठानी पड़ती है। स्थानीय प्रतिनिधियों ने इसे कभी भी मुद्दा नहीं बनाया।

नगर पंचायत ज्ञानपुर को नगर पालिका परिषद बनाए जाने के लिए फिर फाइलों की खोजबीन शुरू हो गई है। 10 सितंबर 2008 को स्थानीय निकाय निदेशालय को पालिका परिषद बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया था। प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। शासन की ओर से इस संदर्भ में रिपोर्ट मांगी गई थी। जिलाधिकारी ने सात नवंबर को एक बार फिर पत्र लिखकर नगर पंचायत के क्षेत्रफल को बढ़ाने और पालिका परिषद बनाने के लिए प्रस्तावित किया है। इसमें आस-पास के गावों के अलावा सरकारी दफ्तरों को भी शामिल करने को कहा है। पालिका परिषद में इन गांवों को किया जाएगा शामिल

जोरई, लखनो, जोतरातदत्त, रघुपुर, काशीरामपुर, मिल्की, गोपीपुर देहाती, चकटोडर देहाती, चकदल्लू, जद्दूपुर, गिरधरपुर, ज्ञानपुर देहाती, पूरेरजा, बालीपुर देहाती, ददरहां, केशवपुर सरपतहां, भुड़की, भिदिउरा और कंसापुर शामिल है। इन गावों को पालिका परिषद में शामिल करने का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है। अभी तक ये सरकारी दफ्तर नगर पंचायत से हैं बाहर

जिलाधिकारी का दफ्तर एवं आवास, एसपी का दफ्तर एवं आवास, निर्माणाधीन दीवानी न्यायालय, सौ शैय्या का अस्पताल, बीएसए दफ्तर, नवोदय विद्यालय, डायट, विकास भवन, संभागीय परिवहन अधिकारी का दफ्तर, उद्योग केंद्र, प्रभागीय वनाधिकारी आदि का कार्यालय नगरीय क्षेत्रों से बाहर है। सता रहा राजनीति चौपट होने का भय

नगर क्षेत्र में कई ऐसे राजनीति करने वाले अध्यक्ष पद के दावेदार हैं जो नगर पंचायत को नगर पालिका परिषद बनना नहीं पसंद नहीं करते हैं। वह इसलिए कि नगर पालिका परिषद होने पर क्षेत्रफल बढ़ जाएगा और मतदाता की संख्या भी तीन गुनी हो जाएगी। मतदाताओं की संख्या में जो बढ़ोतरी होगी वह उनके जातीय समीकरण को ध्वस्त कर देंगे। क्षेत्रफल बढ़ा तो उनका निर्वाचित होना संभव नहीं होगा, इसलिए वे प्रस्ताव को लेकर प्रयास नहीं करते हैं।

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