सरकार! लॉक हुआ कालीन कारोबार, अब दीजिये रफ्तार

सरकार! लॉक हुआ कालीन कारोबार अब दीजिये रफ्तार

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Apr 2020 05:18 PM (IST) Updated:Sat, 25 Apr 2020 05:18 PM (IST)
सरकार! लॉक हुआ कालीन कारोबार, अब दीजिये रफ्तार
सरकार! लॉक हुआ कालीन कारोबार, अब दीजिये रफ्तार

-- जागरण पहल

सब हेड :- प्रभारी मंत्री जय प्रकाश निषाद ने वीडियो कान्फ्रेंसिग में लगाया जख्मी कालीन निर्यात' को मरहम

- कहा : प्रशासन कालीन निर्यातक अपना दोस्त समझे, उनकी पीड़ा समझे

- उद्यमियों को लॉकडाउन में थोड़ी छूट से मिल सकती है कारोबार को गति

जासं, भदोही : भदोही को यूं ही कालीन नगरी नहीं कहा जाता, इसके अक्स से यह झलकता भी है। देश के कुल कारोबार की 60 फीसद हिस्सेदारी सिर्फ इसी जिले से रही है लेकिन लॉकडाउन में फंसकर यह कारोबार आखिरी सांसें गिनता दिख रहा है। शनिवार को इसमें जान भरने की कोशिश प्रभारी मंत्री जयप्रकाश निषाद ने की। उन्होंने दैनिक जागरण' की पहल पर जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अफसरों के साथ जिले के प्रमुख कालीन उद्यमियों से वीडियो कान्फ्रेंसिग के जरिये सीधी बात की। संवाद शुरू किया तो समस्याओं के साथ दबा दर्द भी कालीन निर्यातकों के मुख से निकला। समस्याओं को मंत्री ने न सिर्फ नोटिस किया, बल्कि ऑनलाइन ही प्रशासनिक अफसरों को निदान भी सुझाया। सभी समस्याओं का निराकरण करते हुए रिपोर्ट भी तलब कर ली। हिदायत दी कि प्रशासन कालीन निर्यातकों को अपना दोस्त समझे। उनकी पीड़ा को महसूस करें, क्योंकि इन्होंने लॉकडाउन में प्रशासन को पूरा साथ दिया है। हमदर्द बनकर यह संकट की इस घड़ी में आगे ही चले हैं। इसलिये इन्हें थोड़ी छूट देकर इनके कारोबार को सौ फीसद नहीं सही, 25 फीसद गति तो आराम से दी जा सकती है।

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उठी यह प्रमुख मांगें

- निर्यात इकाइयों को 33 फीसद कार्यबल के साथ आंशिक रूप से दोबारा संचालन की अनुमति।

- पूर्व दिशा निर्देशों के अनुसार डीआईसी, भदोही द्वारा ही श्रमिकों को पास जारी किए जाने चाहिये।

- डीआईसी प्रत्येक इकाई को न्यूनतम एक वाहन पास दें, अभी पास एसडीएम जारी कर रहे हैं।

- पास जारी होने पर कच्चे माल की आपूर्ति और तैयार कालीन लाने में मदद मिलेगी, जो डंप पड़े हैं।

- स्थानीय प्राधिकारी निर्यातकों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई शुरू नहीं जा सकी, इसे प्रभावी कराएं।

- निर्यातकों को फिर से काम शुरू करने के लिये शपथ पत्र न लिये जाएं क्योंकि यह अतार्किक है।

- विदेशों में लॉकडाउन के दौरान पुलिस मारती नहीं है, लेकिन यहां मार रही, इसे तुरंत रोका जाना चाहिये।

- श्रमिकों को कालीन कारखाना तक आने-जाने की रोक को हटाया जाए तभी कारोबार चल सकेगा।

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मंत्री ने दिये यह आदेश

- कालीन निर्यातकों को लॉकडाउन में थोड़ी छूट देकर न्यूनतम 25 फीसद कारोबार को गति दिलाएं।

- कच्चा धागा, कालीन की ढुलाई और फिनिशिग के लिये अनुमति प्रशासन आसनी से दे।

- डीएम विचार करें कि कालीन श्रमिकों को पास एसडीएम के बजाय डीआइसी की ओर से जारी हो।

- लोग तीन लेयर वाला मास्क या फिर घर पर बना हुआ मास्क या कपड़ा जरूर पहने।

- ऑनलाइन तरीके से बिक्री कर रहे ईंट-भट्ठा संचालकों को प्रशासन जरूर राहत देगा।

- मंडियों तक सब्जी पहुंचाने के लिये वाहनों को इजाजत दें लेकिन शारीरिक दूरी का ख्याल रखें।

- सब्जी खरीदते समय न्यूनतम एक मीटर की दूरी का अक्षरश: पालन कराना सुनिश्चित करें।

- भूंसा लाने और ले जाने के लिये शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए अनुमति जारी हो रही।

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श्रमिकों की मजदूरी भुगतान में संकट

कारोबारियों ने बताया कि निर्यातकों को मार्च के लिए श्रमिकों को पूरा वेतन दिया है, लेकिन हमारे ऑर्डर रद्द किए जा रहे हैं । ऐसे में अनिश्चित अवधि के लिए ग्राहकों द्वारा शिपमेंट और भुगतान किया जा रहा है। अप्रैल के लिए वेतन और मजदूरी का भुगतान करना मुश्किल है। सरकार को इस मामले में हमारी मदद करने पर विचार करना चाहिए। संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय देशों में व्यवसायों को वेतन और क्षतिपूर्ति की भरपाई के लिए बेल आउट पैकेज दिए गए हैं।

प्रशासन ने उठाए हैं यह बड़े कदम

- मोरवा नदी के 21 गांवों का चौड़ीकरण और मनरेगा का कार्य चालू, शारीरिक दूरी का खास ख्याल।

- उर्वरक, खाद-बीज, क्रय केंद्र और कृषि संयंत्रों के आवागमन के लिये अनुमति दी जाने लगी है।

- स्वास्थ्य सेवाएं के संबंध में दवाओं के आवागमन में पूरी छूट दी गई है।

- 188 में 105 ईंट-भट्ठे के संचालन की अनुमति, लेकिन प्रवासी मजदूर शारीरिक दूरी का पालन करेंगे।

- जिला उद्योग केंद्र द्वारा संचालित पांच लघु एवं उद्योगों को दोबारा प्रशासनिक निगरानी में चालू किया।

- रेलवे विकास निगम द्वारा ट्रैक दोहरीकरण और एनएचएआइ का बनारस-प्रयागराज प्रोजेक्ट चालू।

- हॉट स्पॉट जोन नेशनल इंटर कालेज के एक किलोमीटर परिधि में बेवजह गतिविधि पर पूरी रोक।

दोपहर दो से चार बजे तक खुलेंगी स्टेशनरी की दुकानें

प्रशासन ने तय किया है कि स्टेशनरी की दुकानें रोजाना दोपहर दो से चार बजे तक खुलेंगी। इसके चलते ऑनलाइन और प्रतियोगी पढ़ाई करने वाले छात्रों को सहूलियत मिलेगी। वे किताब-कॉपी और दूसरे सामान दो घंटे में खरीद सकेंगे।

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