अस्पताल में जीवन-मौत की जंग लड़ रहे परिवार के चार लोग

ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि विवाद के हो रहे मामले ऊंज पुलिस के लिए कामधेनु साबित हो रहा है। बनकट खास गांव में हुई मारपीट के मामले में चार लोग 10 दिनों से जीवन मौत से जूझ रहे हैं। पुलिस आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए पीड़ित पक्ष पर ही दलित उत्पीड़न सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Jun 2020 06:05 PM (IST) Updated:Mon, 01 Jun 2020 06:05 PM (IST)
अस्पताल में जीवन-मौत की जंग लड़ रहे परिवार के चार लोग
अस्पताल में जीवन-मौत की जंग लड़ रहे परिवार के चार लोग

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि विवाद के हो रहे मामले ऊंज पुलिस के लिए कामधेनु साबित हो रहा है। बनकट खास गांव में हुई मारपीट के मामले में चार लोग 10 दिनों से जीवन मौत से जूझ रहे हैं। पुलिस आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए पीड़ित पक्ष पर ही दलित उत्पीड़न सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पीड़ित परिवार न्याय के लिए पुलिस अधिकारियों के यहां दर-दर की ठोकरें खा रहा है।

जनपद सीमा एवं हाइवे पर स्थित ऊंज थाना पशु तस्करी को लेकर हर समय सुर्खियों में रहा है। इन दिनों यहां पर तैनात तीन सिपाही की ड्यूटी केवल पशुओं की तस्करी में लगाया गया है। इसके साथ ही मारपीट की घटनाओं से भी यहां के लोग लाल हो जा रहे हैं। बनकट खास गांव में मोबाइल चोरी की घटना को लेकर दलित परिवार के लोगों ने चढ़ाई कर सौरव, गौरव, पप्पू, गुड्डू और योगेंद्र बहादुर की लाठी-डंडे से पिटाई कर दी। इस मामले में सौरव, गौरव, गुड्डू और योगेंद्र बहादुर जीवन मौत से जूझ रहे हैं। पुलिस घायलों के खिलाफ ही दलित उत्पीड़न के मामले दर्ज कर लिया जबकि विपक्षियों में हल्के धारा में केस दर्ज कर मामले में लीपापोती कर रहे हैं। पीड़ित पक्ष के लोगों कहना है कि पूरी की पूरी रिपोर्ट को पुलिस को दे दिया गया है। इसके बाद भी हल्के धारा में मामला दर्ज कर सरहंग किस्म के लोगों को संरक्षण दे रही है। थानाध्यक्ष ऊंज रामदरश का कहना है कि मामले की विवेचना पुलिस क्षेत्राधिकारी कर रहे हैं। प्राथमिक मुकदमा दर्ज किया गया है। विवेचना में पुलिस क्षेत्राधिकारी चिकित्सकीय रिपोर्ट के आधार पर धारा बढ़ा सकते हैं। इसमें किसी भी प्रकार का पक्षपात नहीं किया गया।

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