ब्याज के पांच करोड़ से बनेंगे 4,949 शौचालय
जनपद के 256 गांव ऐसे हैं जहां पर पात्र रहते हुए भी उन्हें शौचालय नहीं मिला। ऐसे छुटे हुए पात्रों को अब ब्याज के रूपये से शौचालय का निर्माण कराया जाएगा। पंचायतीराज विभाग की ओर से ऐसे 4949 लाभार्थियों का चयन किया जा चुका है। इसके लिए ब्याज से 5.50 करोड़ रुपये की व्यवस्था कर लिया गया है। इसमें दो करोड़ रुपये जिला स्तर पर जबकि 3.50 करोड़ रुपये ग्राम पंचायतों से मिले हैं।
जागरण संवादाता, ज्ञानपुर (भदोही) : जनपद के 256 गांव ऐसे हैं, जहां पर पात्र रहते हुए भी उन्हें शौचालय नहीं मिला। ऐसे छुटे हुए पात्रों को अब ब्याज के रुपये से शौचालय का निर्माण कराया जाएगा। पंचायतीराज विभाग की ओर से ऐसे 4,949 लाभार्थियों का चयन किया जा चुका है। इसके लिए ब्याज से 5.50 करोड़ रुपये की व्यवस्था कर लिया गया है। इसमें दो करोड़ रुपये जिला स्तर पर जबकि 3.50 करोड़ रुपये ग्राम पंचायतों से मिले हैं।
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1.70 लाख शौचालयों के
लिए जारी हुए थे 240 करोड़
वित्तीय वर्ष 2013-14 से लेकर अब तक 1.70 लाख शौचालय निर्माण के लिए 240 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। इसमें अधिसंख्य बजट ग्राम पंचायतों में भेज दिया जाता है तो कुछ धनराशि जिले स्तर पर रुकी रहती है। इसी बीच गांवों से भी खर्च न होने की दशा में बजट जिले स्तर पर वापस होते रहते हैं। इस बीच बैंकों से बजट का लेन-देन होता रहता है। इससे ग्राम पंचायत स्तर से 3.50 करोड़ जबकि जिला स्तर पर दो करोड़ रुपये ब्याज इकट्ठा हुआ है।
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क्या है एनओएलबी
शुरूआती दौर में स्वच्छता मिशन के तहत शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा था। डेढ़ लाख से अधिक शौचालयों का निर्माण हो जाने से जनपद संतृप्त हो गया था। शासन स्तर पर सर्वे कराया गया तो कई ऐसे पात्र योजना से वंचित थे। ऐसे लाभार्थियों को एलओबी अर्थात छूटे हुए लाभार्थियों की सूची तैयार की गई। उनके खाते में बजट भेजा गया। इसके बाद भी ऐसे लाभार्थी बच गए जिन्हें शौचालय की जरूरत थी लेकिन वह सूची से बाहर थे। उसे एनओएलबी (नो वन लेफ्ट बिहाइंड) का नाम दिया गया। 4,949 लाभार्थियों का चयन किया गया। इसके निर्माण में ब्याज से मिले 5.50 करोड़ खर्च होंगे।
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जनपद में छूटे हुए 4,949 लाभार्थियों का चयन किया जा चुका है। इन शौचालयों के निर्माण पर ब्याज से मिले 5.50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें जिला स्तर पर दो करोड़ और ग्राम पंचायत स्तर पर 3.50 करोड़ रुपये इकट्ठा किए गए हैं। एनएलओबी में कुल 256 गांव चिन्हित हैं। किसी में एक तो किसी गांव में दो पात्र सूची में शामिल हैं।
- सरोज पांडेय, जिला समन्वयक, स्वच्छता मिशन