बच्चों व किशोरियों को सुपोषित बनाना ही विभाग का उद्देश्य

बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से बच्चों व किशोि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 07:33 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 07:33 PM (IST)
बच्चों व किशोरियों को सुपोषित बनाना ही विभाग का उद्देश्य
बच्चों व किशोरियों को सुपोषित बनाना ही विभाग का उद्देश्य

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से बच्चों व किशोरियों को सुपोषित बनाने पर जोर दिया जा रहा है। आंगनबाड़ी व स्वास्थ्य केंद्रों पर पौष्टिक एवं संतुलित आहार के लिए जागरूक कर रहे हैं। कुपोषण व एनिमिया मानव जीवन के लिए चुनौती बनी हुई है। उसे जड़ से समाप्त करने के लिए योजनाएं संचालित की जा रही हैं।

स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से जिले के 1338 आंगनबाड़ी केंद्रों एवं 67 उप स्वास्थ्य केंद्रों पर अभियान चलाकर योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में आयोजित गोष्ठी में डा. लक्ष्मी सिंह ने बताया कि कुपोषण एक गंभीर समस्या है। यही वजह है कि बच्चे, किशोरियां और महिलाएं एनिमिया की शिकार हो रही हैं। महिलाओं के पौष्टिक आहार न लेने से शरीर में खून की कमी होने लगती है। जिला कार्यक्रम राजीव सिंह ने कहा कि सुपोषण को अभियान चलाने का मुख्य उद्देश्य एनिमिया को पूरी तरह खत्म करना है। एनिमिया होने का कारण

- एनिमिया की पहचान का सबसे सरल तरीका हीमोग्लोबिन के स्तर के लिए रक्त की जांच करवाना है। इसके अलावा नाखूनों से भी इसकी पहचान की जाता है। स्वस्थ लोगों के नाखून गुलाबी जबकि रोग से ग्रसित के नाखून पीले रहते हैं। लगातार थकान, आलस्य, सांस लेने में दिक्कत, सीढि़यां चढ़ने में सांस फूलना एनिमिया के मुख्य लक्षण हैं। संतुलित आहार जरूरी

- स्वस्थ रहने व शरीर में खून की कमी दूर करने के लिए संतुलित आहार जरूरी है। संतुलित आहार में वह सभी पोषक तत्व होते हैं जिससे स्वास्थ्य को उत्तम रखा जा सकता है। किशोरियों के लिए यह बहुत ही जरूरी है। हरी पत्तेदार सब्जियां और मौसमी फलों का भोजन के साथ नियमित सेवन जरूरी है।

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