मोबाइल व ईयरफोन लगाकर न चलाएं वाहन, तभी सुरक्षित रहेगा जीवन

सड़कों पर आवागमन के समय मोबाइल पर बात करते हुए व इयरफोन लगाकर वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं। वाहनों से फर्राटा भर ऐसे वाहन चालक खुद के जीवन के साथ मार्ग पर चलने वाले अन्य वाहन सवार लोगों और राहगीरों के जीवन के लिए घातक सिद्ध हो रहे हैं। वाहन चलाते समय इस तरह की गलतियों से सतर्क रहने पर ही दुर्घटना से बचाव की उम्मीद की जा सकती है, तथा दूसरों का भी जीवन सुरक्षित रहेगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 09:36 PM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 09:36 PM (IST)
मोबाइल व ईयरफोन लगाकर न चलाएं वाहन, तभी सुरक्षित रहेगा जीवन
मोबाइल व ईयरफोन लगाकर न चलाएं वाहन, तभी सुरक्षित रहेगा जीवन

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : सड़कों पर आवागमन के समय मोबाइल पर बात करते हुए व ईयरफोन लगाकर वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं है। वाहनों से फर्राटा भर रहे ऐसे वाहन चालक खुद के जीवन के साथ मार्ग पर चलने वाले अन्य वाहन सवार लोगों और राहगीरों के जीवन के लिए घातक सिद्ध हो रहे हैं। वाहन चलाते समय इस तरह की गलतियों से सतर्क रहने पर ही दुर्घटना से बचाव की उम्मीद की जा सकती है। इससे दूसरों का भी जीवन सुरक्षित रहेगा।

सड़कों पर वाहन चालकों की जिम्मेदारी होती है कि सुरक्षित वाहन चलाने के साथ ही चल रहे अन्य लोगों के भी सुरक्षा का ख्याल जरूर रखें। इसी परिप्रेक्ष्य में आज के समय में सबसे घातक साबित हो रही है मोबाइल का इस्तेमाल कर वाहन चलाने और इयरफोन लगाकर वाहन चलाने वाले वाहन चालकों की बेपरवाही। जी हां अमूमन सड़कों पर आज के युवा चालकों को इस बड़ी लापरवाही से बेफिक्र होकर वाहन चलाते सड़कों पर देखा जाता है। वाहन चालकों की ओर से यातायात नियमों के उल्लंघन को लेकर कार्रवाई के बजाए तिराहा और चौराहों पर सुरक्षा में लगे पुलिस जवान अनदेखी कर बखूबी बढ़ावा दे रहे हैं। ईयरफोन की वजह से जिले के कैयरमऊ रेलवे फाटक पर हुई भयावह दुर्घटना में मौत के मुंह में समाए आठ नौनिहालों और कुशीनगर की दुर्घटनाओं से न तो जिम्मेदार सबक ले रहे हैं और न ही लोगों के जीवन को खतरा पैदा कर रहे ऐसे लोग।

धड़ल्ले से इस तरह के वाहन चलाने वाले चालकों की करतूत से कई सुहागिनों के मांग की ¨सदूर उजड़ गया तो अनेकों माताओं की कोख सूनी हो गई। लेकिन स्थिति पर आज भी नियंत्रण लगता नहीं दिख रहा है।

यातायात नियमों के अनुसार सड़कों पर वाहन चलाते समय आगे पीछे चल रहे वाहनों की आवाज सुनकर सतर्कता जरुरी है। इसके अलावा फर्राटा भर रहे चार पहिया कार समेत अन्य वाहनों में तेज आवाज में साउंड बजाना खतरे को दावत देना है। इससे दुर्घटना होने की संभावना के साथ ही ध्वनि प्रदूषण भी फैलता है। यातायात नियमों के अनुसार किसी भी दशा में वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात और इयरफोन का उपयोग करना दंडनीय है। जिसका उल्लंघन करते पाए जाने पर जुर्माना समेत वाहन चालान किए जाने का प्रवधान है। लेकिन यह सब केवल किताबी कानून बनकर रह गया है। जिले में इसका पालन होता नहीं दिख रहा है। विभागीय विशेषज्ञ की मानें तो सड़कों पर होने वाली कुल दुर्घटनाओं में से 85 फीसद दुर्घटनाओं का मूल वजह मानवीय भूल होता है।

---

विभागीय आंकड़ों के अनुसार वर्तमान समय में सड़कों पर हो रही दुर्घटनाओं में 85 फीसद दुर्घटनाएं महज मानवीय चूक से घट रही हैं। जिसमें से मोबाइल से बात करते वाहन चलाने और कान में इयरफोन लगाकर वाहन चलाने की वजह भी कम नहीं है। विभागीय अधिकारियों की ओर से अभियान चलाकर तथा समय समय पर जांच पड़ताल कर नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

- शारदा कुमार मिश्र, यात्रीकर अधिकारी भदोही।

chat bot
आपका साथी