देवर्षि नारद का किया मोहभंग, लगे जयकारे
-- मंचन - पिलखुना पूरेमटुका व बीसा गांव में रामलीला का शुभारंभ - श्रीराम सहित अन्य चरित्र से
-- मंचन
- पिलखुना पूरेमटुका व बीसा गांव में रामलीला का शुभारंभ
- श्रीराम सहित अन्य चरित्र से प्रेरणा लेने का दिया संदेश
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जागरण संवाददाता, ऊंज (भदोही) : क्षेत्र के पिलखुना पूरेमटुका व बीसा गांव में रामलीला मंचन मंगलवार की रात शुरू किया गया। पहले दिन दोनों स्थानों पर नारद मोह, रावण जन्म की लीला का मंचन किया गया। लीला स्थल पर जुटे दर्शक जयकारा लगाते रहें। उधर रामलीला का शुभारंभ करते हुए अतिथियों ने प्रभु श्रीराम व अन्य पात्रों के चरित्र से प्रेरणा लेने का संदेश दिया।
पहले दिन नारद मोह की लीला का मंचन संपन्न हुआ। देवर्षि नारद की तपस्या से देवराज इंद्र की कुर्सी डगमगाने लगी। नारद की तपस्या को भंग करने का हरसंभव प्रयास किया जाता है। यहां तक कि कामदेव भी उनकी तपस्या भंग नहीं कर सकें। देवर्षि को घमंड हो जाता है कि मैं तो कामदेव को जीत लिया और यह बात वह जाकर ब्रह्मदेव, भगवान शिव व विष्णु भगवान को भी बताते हैं। भगवान विष्णु ने उनका मोहभंग करने को माया नगरी का निर्माण कर शीलनिधी नामक राजा से अपनी पुत्री विश्व मोहिनी का स्वयंवर की लीला रचाते हैं। जहां नारद का मोहभंग किया जाता है। इससे नारद नाराज होकर वह भगवान विष्णु को श्राप देते हैं कि जिस बंदर का रूप देकर आप मेरा मजाक उड़ाए हैं। वह बंदर जब आप पत्नी वियोग में रहेंगे तो मदद करेगें। यहीं मंचन समाप्त हो जाता है। पिलखुना में समाजसेवी ब्रह्मदेव शुक्ला तो बीसा गांव में भाजपा नेता रवीशचंद्र पांडेय ने फीता काटकर रामलीला का शुभारंभ किया। रामलीला स्थल पर तारकेश्वरनाथ शुक्ला, आलोक ओझा, घनश्याम शुक्ल, शिवशंकर पांडेय, रंगनाथ दुबे, अजय दुबे, गयानाथ, लालचंद व अन्य थे।