हेडिग -डार्क जोन'ब्लाकों में फिर से फूटेगी जलधारा'

जल संरक्षण के प्रति जागरूकता का अभाव व सरकारी तंत्रों की लापरवाही। कारण जो भी रहा हो लेकिन लगातार नीचे खिसकते रहे भूजल स्तर से डार्क जोन में शामिल रहे चार ब्लाकों में अब फिर से जलधारा फूटेगी। डार्क जोन से बाहर किए गए औराई सुरियावां अभोली व डीघ विकास खंड में निशुल्क बोरिग की योजनाओं पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 May 2019 06:05 PM (IST) Updated:Mon, 20 May 2019 06:05 PM (IST)
हेडिग -डार्क जोन'ब्लाकों में फिर से फूटेगी जलधारा'
हेडिग -डार्क जोन'ब्लाकों में फिर से फूटेगी जलधारा'

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : जल संरक्षण के प्रति जागरूकता का अभाव व सरकारी तंत्रों की लापरवाही। कारण जो भी रहा हो लेकिन लगातार नीचे खिसकते रहे भूजल स्तर से डार्क जोन में शामिल रहे चार ब्लाकों में अब फिर से जलधारा फूटेगी। डार्क जोन से बाहर किए गए औराई, सुरियावां, अभोली व डीघ विकास खंड में नि:शुल्क बोरिग की योजनाओं पर लगा प्रतिबंध हटा दिया गया है। अब फिर से इन ब्लाकों में बोरिग कराने का अनुमति जारी कर दी गई है। शासन लघु सिचाई विभाग को लक्ष्य आवंटित करने जा रहा है। उसने किसानों से आवेदन लेने के निर्देश जारी कर दिया है। विभाग भी किसानों से आवेदन लेने की कवायद में जुट चुका है।

------------

छह वर्ष पहले गए थे डार्क जोन में

- भूजल का स्तर जिस तेजी से नीचे भाग रहा है उससे चितित सरकार ने करीब छह वर्ष पहले पूरे जिले को डार्क जोन में डाल दिया था। किसानों को पंपसेट लगाने के लिए नए विद्युत कनेक्शन तक जारी करने पर रोक लगा दी गई थी। इसमें से चार ब्लाक डार्क जोन से बाहर आ गए है। लेकिन ज्ञानपुर व भदोही ब्लाक अभी भी डार्क जोन में शामिल है।

------------

बोरिग पर मिलेगा अनुदान

- लघु सिचाई विभाग की ओर से नि:शुल्क बोरिग योजना के तहत मध्यम बोरिग दो सौ फीट तक पर 75 हजार व गहरी बोरिग तीन सौ फीट कराने वाले किसानों को एक लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा।

----------

क्या कहते हैं जिम्मेदार

- शासन स्तर से नि:शुल्क बोरिग योजना के तहत डार्क जोन से बाहर किए गए ब्लाकों के किसानों से आवेदन लेने का निर्देश आया है। हालांकि अभी लक्ष्य नहीं तय किया गया है कि कितने किसानों को लाभान्वित किया जाएगा। -- छोटेलाल, सहायक अभियंता, लघु सिचाई विभाग - राज्य भूजल संरक्षण मिशन के तहत सर्वे कराया जाता है। इसके बाद वाटर बैलेंस रिपोर्ट तैयार होता है। उसी के आधार पर शासन स्तर से डार्क जोन में जिले को शामिल किया गया था। उसके बाद गत वर्ष ही चार ब्लाकों को बाहर किया गया है। वैसे शासन से कोई रिपोर्ट उन्हें नहीं प्राप्त हुई है। -- वीके सिंह, अभियंता, भूगर्भ जल विभाग, मीरजापुर/भदोही।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप

chat bot
आपका साथी