त्योहारी सीजन में बुनकरों की घर वापसी से कालीन उत्पादन ठप

जासं भदोही कोरोना काल के बाद पटरी पर आया कालीन उत्पादन फिर ठप हो गया है। दीपावली

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 04:38 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 04:38 PM (IST)
त्योहारी सीजन में बुनकरों की घर वापसी से कालीन उत्पादन ठप
त्योहारी सीजन में बुनकरों की घर वापसी से कालीन उत्पादन ठप

जासं, भदोही : कोरोना काल के बाद पटरी पर आया कालीन उत्पादन फिर ठप हो गया है। दीपावली व धनतेरस के मद्देनजर बुनकरों की घर वापसी के बाद कालीन कारखानों में सन्नाटा पसर गया है। बिहार में पंचायत चुनाव के मद्देनजर बड़ी संख्या में बुनकर पहले ही घर लौट गए हैं।

पश्चिम बंगाल व अन्य प्रांतों के बुनकर पर्व मनाने के लिए रवाना होने लगे हैं। इसके कारण जहां उत्पादन प्रभावित हो रहा है वहीं डोमोटेक्स में भागीदारी करने वाले निर्यातकों के माथे पर बल पड़ गए हैं। सैंपल तैयार कराने में जुटे निर्यातकों के सामने समस्या उत्पन्न हो गई है। उधर, उत्पादन ठप होने से आर्डर के माल भेजना भी मुश्किल हो गया है। निर्यातकों का कहना है कि पर्व को देखते हुए बुनकरों पर रुकने के लिए दबाव भी नहीं बनाया जा सकता। कालीन उद्योग में बुनकरों का अभाव पहले से बना हुआ है। कोरोना काल में लंबे समय तक कामकाज प्रभावित रहने के कारण बड़ी संख्या में बुनकर दूसरे कामो में लग गए। दूसरी लहर के बाद महज 60 फीसद बुनकर ही लौटे थे। उन्हीं से काम चलाया जा रहा था। व्यवसाय भी धीरे धीरे पटरी आने लगा था कि बुनकरों की घर वापसी से संकट बढ़ गया है। घमहापुर में दरी बुनाई कराने वाले कमाल खान के कारखाने में वर्तमान समय महज पांच बुनकर रह गए हैं जबकि 32 बुनकर काम करते थे। उनका कहना है कि बिहार में पंचायत चुनाव चल रहा है। इसके कारण काफी बुनकर पहले ही घर लौट गए थे। इस बीच शेष बुनकर दीपावली व धनतेरस मनाने के लिए रवाना हो गए। कहा कि ऐसे में उत्पादन 80 फीसद कम हो गया है। इसी तरह श्याम बहादुर, परवेज आलम, जावेद अंसारी सहित अन्य कारखाना संचालक बुनकरों के जाने के बाद हाथ पर हाथ धरे बैठने को विवश हैं।

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