खुलने लगी कालीन कंपनियां, पटरी पर लौटेगा उद्योग

ऐसे में काम काज शुरू करने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं है। वरिष्ठ निर्यातक जयप्रकाश गुप्ता का कहना है कि आखिर कब तक कंपनियां बंद रहेंगी। कहा कि भले ही सबके पास आर्डर नहीं है लेकिन कंपनी खुलने के बाद कुछ न कुछ काम तो कराया ही जा सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 May 2020 05:02 PM (IST) Updated:Sat, 16 May 2020 05:02 PM (IST)
खुलने लगी कालीन कंपनियां, पटरी पर लौटेगा उद्योग
खुलने लगी कालीन कंपनियां, पटरी पर लौटेगा उद्योग

जागरण संवाददाता, भदोही : कालीन व्यवसायी काम-काज पटरी पर लाने में जुट गए हैं। जो लोग पूरी तरह छूट मिलने का इंतजार कर रहे थे वह भी 12 मई को प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद काम शुरू करने की कवायद में लग गए। दरअसल अधिकतर व्यवसायी तीसरे चरण का लॉकडाउन समाप्त होने का इंतजार कर रहे थे लेकिन लॉकडाउन-4 का संकेत मिलते ही लोगों के इरादे बदल गए। लंबे समय तक उद्योग को बंद रखने के बजाय निर्यातक काम शुरू करने के लिए बंद कंपनियों में साफ-सफाई आदि कराने लगे हैं।

लॉकडाउन-3 की घोषणा के साथ ही शर्तों के साथ औद्योगिक इकाइयों को संचालित करने का शासन द्वारा आदेश जारी किया गया था। इस बीच स्थानीय प्रशासन द्वारा उद्यमियों संग बैठक कर उन्हें काम-काज प्रारंभ करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। चार-पांच मई से बड़ी कालीन कंपनियों ने काम शुरू कर दिया था। पुराने आर्डर के माल की फिनिशिग, पैकिग कराने के साथ आयातकों से आनलाइन सम्पर्क साधने में निर्यातक जुटे हैं। पहले के आर्डर रद हों इसके पहले निर्यातक जल्द से जल्द भेजने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि अधिकतर व्यवसायी पूरी तरह लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कंपनियों के पट नहीं खोले थे। निर्यातक श्यामनारायण यादव का कहना है कि हालात जल्दी सुधरने वाले नहीं है। प्रधानमंत्री ने भी अपने संबोधन में इसका संकेत दे दिया है। ऐसे में काम काज शुरू करने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं है। वरिष्ठ निर्यातक जयप्रकाश गुप्ता का कहना है कि आखिर कब तक कंपनियां बंद रहेंगी। कहा कि भले ही सबके पास आर्डर नहीं है लेकिन कंपनी खुलने के बाद कुछ न कुछ काम तो कराया ही जा सकता है।

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