सावधान! नकलविहीन चक्रव्यूह को भेद चुके हैं शिक्षा माफिया
शुचिता और पारदर्शिता के लिए शासन स्तर पर तैयार किए गए चक्रव्यूह को शिक्षा माफिया बोर्ड परीक्षा के पहले ही भेद चुके हैं। आलम यह रहा कि आनलाइन केंद्र निर्धारण के बाद भी नकल माफियाओं ने अपने खास विद्यालयों को केंद्र बनवाने में सफल रहे।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : शुचिता और पारदर्शिता के लिए शासन स्तर पर तैयार किए गए चक्रव्यूह को शिक्षा माफिया बोर्ड परीक्षा के पहले ही भेद चुके हैं। आलम रहा कि ऑनलाइन केंद्र निर्धारण के बाद भी नकल माफिया ने खास विद्यालयों को केंद्र बनवाने में सफल रहे। विकास खंड डीघ के एक नामचीन विद्यालय का हाईस्कूल और इंटर के पूरे के पूरे छात्रों को एक ही केंद्र पर भेज दिया गया है। केंद्र निर्धारण के लिए लगाए गए मास्टमाइंड लिपिक और कर्मी मालामाल हो गए।
दरअसल, जिले के ऐसे नामचीन विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बना दिया जाता रहा जहां के प्रबंधक खुद बैठकर सवालों को हल कराया करते थे। उनके स्कूल में प्रवेश लेने के लिए छात्रों की लंबी कतार लग जाती थी। मालामाल हुए शिक्षा माफिया की माध्यमिक शिक्षा बोर्ड तक पहुंच है। यही नहीं, शिक्षा विभाग के ओहदेदार भी उनके यहां दरबार लगाया करते थे। मुख्यमंत्री बनते ही योगी आदित्यनाथ ने नकल माफिया नकेल कसने के लिए ऑनलाइन केंद्र निर्धारण की व्यवस्था लागू कर दी। इस शैक्षणिक सत्र में 2018-19 में तमाम कवायद के बाद भी जिला केंद्र निर्धारण कमेटी ने मनमानी तरीके से केंद्रों का निर्धारण कर दिया। शिक्षा माफिया से गठजोड़ कर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बोर्ड के गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा दी। शिक्षा माफिया अपने खास विद्यालयों को केंद्र बनवाने में सफल रहे। केंद्र निर्धारण के समय मास्टरमाइंड कर्मियों को भी कार्यालय बुला लिया गया था। उनके इशारे पर नियमों को तोड़कर केंद्र निर्धारित कर दिया गया।
शिक्षा माफिया का गढ़ था जनपद
वैसे तो जिलेभर में बेधड़क नकल कराई जाती थी लेकिन कोनिया क्षेत्र शिक्षा माफियाओं का गढ़ माना जाता रहा है। यहां पर एक से बढ़कर एक शिक्षा माफिया अपनी जाल बिछाए हुए हैं। योगी सरकार में यह नहीं कहा जा सकता है कि वह अपने कारनामे से पीछे हैं। एक चर्चित प्रबंधक तो एक बार फिर मनचाहा केंद्र बनवाने में सफल रहे। करीब-करीब सभी शिक्षा माफियाओं की सेटिग हो जाने के कारण कोई मुंह नहीं खोल रहा है। उनका कहना है कि जब सबका जुगाड़ बन गया है तो विरोध करने से नुकसान होगा। केंद्र बनवाने में सफल रहे शिक्षा माफिया
शिक्षा माफिया अपने खास विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनवाने में सफल रहे। जिला केंद्र निर्धारण समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी होते हैं। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने उन्हें भी चकमा देकर मनमानी तरीके से केंद्र निर्धारण की सूची तैयार कर बोर्ड को भेज दी। दरअसल जंगीगंज क्षेत्र के एक विद्यालय को हाईस्कूल तक की मान्यता है। वह इंटर तक विद्यालय संचालित करता है। अभी हाल ही मान्यता मिलने पर उसके पास संसाधनों का टोटा है। इंटर के छात्र एक नामचीन स्कूल से अटैच हैं। विभाग के अधिकारी इस कदर मेहरबान हुए कि उस विद्यालय के हाईस्कूल और इंटर के सभी बच्चों को एक ही विद्यालय में भेज दिए। जांच हुई तो शिक्षा विभाग के एक भी अधिकारी नहीं बच पाएंगे। हालांकि जिला विद्यालय निरीक्षक अशोक चौरसिया का कहना है कि नकल किसी भी शर्त पर नहीं होने दिया जाएगा।