मोमबत्ती का व्यवसाय बनेगा आर्थिक स्वावलंबन का आधार

महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर आर्थिक रूप से मजबूत क

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 04:24 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 04:24 PM (IST)
मोमबत्ती का व्यवसाय बनेगा आर्थिक स्वावलंबन का आधार
मोमबत्ती का व्यवसाय बनेगा आर्थिक स्वावलंबन का आधार

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए तमाम योजनाएं संचालित हो रही हैं। अब मोमबत्ती बनाने के व्यवसाय से उन्हें स्वावलंबी बनाने का आधार देने की पहल की गई है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित तीन स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 26 महिलाओं को प्रशिक्षण देकर मोमबत्ती बनाने के कार्य में दक्ष किया जा चुका है। उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने की पहल भी हो रही है। सब ठीक रहा तो उनके हाथ से बनी मोमबत्ती की रोशनी इस दीवाली में जगमग करती दिखेगी।

ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत संचालित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में स्वरोगार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित कर रही है। आजीविका मिशन के तहत लक्ष्मणपट्टी गांव में गठित तीन महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षण दिया गया। सोमवार को समापन मौके पर आजीविका मिशन के जिला मिशन प्रबंधक शैलेंद्र सिंह ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया।उन्हें प्रेरित किया कि इस दिवाली पर अपने द्वारा बनाए गए मोमबत्ती को बेचकर घरों को रोशन करें। बताया कि मिशन द्वारा समूहों को वित्तपोषित भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाएं मोमबत्ती के व्यवसाय से जुड़कर अच्छा रोजगार कर सकती हैं। इसके पूर्व चले 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीनियर ट्रेनिग कोआर्डिनेटर देवेंद्र दुबे सहित अन्य विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण देकर उन्हें मोमबत्ती बनाने की बारीकियां सिखाई। संस्थान के निदेशक सुशील कुमार सहित ट्रेनिग कोआर्डिनेटर प्रेमचंद्र मिश्र, कार्यालय अधीक्षक पंकज पांडेय, प्रमोद, साधना, मीरा, शकुंतला, अमरावती आदि महिलाएं थीं।

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