सच्चे मन से स्मरण पर बनी रहती है भगवत कृपा
भगवान श्रीकृष्ण का गोपियों से अटूट प्रेम था। जीव जब मन से भगवान का स्मरण करता है तो उस पर भगवान की कृपा बनी रहती है। ऊंज क्षेत्र के पिलखुना गांव में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन गोवर्धन पूजा एवं भगवान श्रीकृष्ण विवाह प्रसंग की कथा सुनाते हुए वृंदावन से आए स्वामी रामानंद जी ने यह बातें कहीं। इस दौरान जुटे श्रद्धालु जयकारा लगाते रहे।
जागरण संवाददाता, ऊंज (भदोही) : भगवान श्रीकृष्ण का गोपियों से अटूट प्रेम था। जीव जब मन से भगवान का स्मरण करता है तो उस पर भगवान की कृपा बनी रहती है। ऊंज क्षेत्र के पिलखुना गांव में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के छठें दिन गोवर्धन पूजा एवं भगवान श्रीकृष्ण विवाह प्रसंग की कथा सुनाते हुए वृंदावन से आए स्वामी रामानंद ने यह बातें कहीं। इस मौके पर जुटे श्रद्धालु जयकारा लगाते रहे।
उन्होंने कहा कि प्रभु भक्तों को अपने से दूर नहीं रखना चाहते। गोवर्धन पूजा के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। श्रीकृष्ण एवं रुक्मिणी विवाह पर प्रसंग पर बोलते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण एवं रुक्मिणी का अटूट प्रेम था। रुक्मिणी का विवाह एक आदर्श विवाह है। कहा कि भगवान भाव के भूखे हैं। भागवत कथा सुनने से अपार शक्ति मिलती है तथा घर में सुख शांति की प्राप्ति होती है। कथा में जो अच्छी लगी हो उसे भक्त लेकर जाएं जो अच्छी नहीं लगती हो इस मंडप में छोड़ जाए। अंत में आरती व प्रसाद वितरण किया गया। इस मौके पर लालता प्रसाद चौबे, पूर्व प्रमुख दिनेश सिंह, काशी प्रसाद मिश्रा, राजन सिंह, रामराज मिश्र, अवधेश कुमार, शिव शंकर पांडेय, ओमप्रकाश तिवारी आदि थे।