अब लग्जरी वाहनों से पशु तस्करी, नहीं लगी लगाम

जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही) पशु तस्करी हो या फिर वाहनों से वसूली। हाइवे हर समय सुि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 05:12 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 05:12 PM (IST)
अब लग्जरी वाहनों से पशु तस्करी, नहीं लगी लगाम
अब लग्जरी वाहनों से पशु तस्करी, नहीं लगी लगाम

जागरण संवाददाता ज्ञानपुर (भदोही): पशु तस्करी हो या फिर वाहनों से वसूली। हाइवे हर समय सुर्खियों में रहा है। पुलिस डाल-डाल तो तस्कर पात-पात के तर्ज पर अपने कारोबार को बेधड़क संचालित करते रहते हैं। पशु तस्करी करने वाले तस्करों ने फंडा बदल दिया। अब वह छोटे वाहन और कंटेनर से वध के लिए गोवंश ले जा रहे हैं। एसपी डा. अनिल कुमार के कार्यभार ग्रहण करते ही हाइवे पर स्थित थानों की पुलिस सक्रिय हो गई है।

जिले से चालीस किमी गुजरने वाले हाइवे पर तीन मलाइदार थाने स्थित हैं। कभी पशु तस्करी तो कभी ट्रकों से वसूली को लेकर हाइवे का मुद्दा शासन-प्रशासन तक छाया रहता है। बहरहाल, इधर तमाम बंदिशों के बाद वसूली पर तो रोक लग गई है लेकिन पशु तस्करी का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। तस्करों से साठगांठ करने वाले अधिसंख्य सिपाही भी जनपद से हटाए जा चुके हैं। इसके बाद भी हाइवे पर बेधड़क तस्करी हो रही है। पुलिस की कार्रवाई से ही इस बात की पुष्टि हो जाती है। एक सप्ताह में 100 से अधिक गोवंश मुक्त कराए जा चुके हैं। एसपी ने स्पष्ट रूप से थानेदारों को हिदायत दी है कि पशु तस्करी किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि कहीं से भी शिकायत मिली तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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मवेशियों की सुपुर्दगी में हो रहा खेल

मवेशियों की सुपुर्दगी में खेल किया जा रहा है। पुलिस गोवंश की तस्करी मामले में गोवध निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई करती है। बरामद गोवंश कहां चले जाते हैं इसका पता लगाना मुश्किल है। औराई में अभी कुछ दिन पहले गोवंश बरामद हुए थे लेकिन मवेशियों का पता नहीं है। सूत्रों का कहना है कि कार्रवाई के बाद तस्कर ही मवेशियों को उठा ले जाते हैं। यह सब पुलिस के साठगांठ से होता है। इससे पुलिस और तस्करों दोनों अपने मकसद में सफल हो जाते हैं।

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