मिलरों के गोदामों में 3500 टन सरकारी चावल डंप

मिलरों के गोदाम में 3500 टन चावल डंप है। जिला खाद्य विपणन

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 May 2021 05:35 PM (IST) Updated:Fri, 21 May 2021 05:35 PM (IST)
मिलरों के गोदामों में 3500 टन सरकारी चावल डंप
मिलरों के गोदामों में 3500 टन सरकारी चावल डंप

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : मिलरों के गोदाम में 3500 टन चावल डंप है। जिला खाद्य विपणन अधिकारी श्याम कुमार मिश्र ने नोटिस जारी किया है। साथ ही 30 जून तक अंतिम डेटलाइन जारी किया गया है। इस बीच यदि चावल जमा नहीं किया गया तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।

सरकार की ओर से केंद्रों पर खरीदे गए धान को चावल बनाने के लिए प्राइवेट मिलरों यहां भेज दिया जाता है। इसके लिए शासन की ओर से तिथि और पारिश्रमिक निर्धारित की जाती है। जिले में विपणन विभाग के पास गोपीगंज और औराई को छोड़ दिया जाए तो अपना खुद का गोदाम नहीं है। किराए पर लिए गए गोदामों में सरकारी दुकानों के लिए आवंटित खाद्यान्न को भी रखने का जगह नहीं है। सरकारी चावल को भारतीय खाद्य गोदाम में पहुंचाया जाता है। जिले में 1.20 लाख टन धान की खरीद की गई थी। आंकड़ों पर गौर किया जाए तो जनपद के 25 अधिकृत राइस मिलों में 3500 टन सरकारी चावल डंप है। जिला विपणन अधिकारी श्याम शंकर मिश्र ने बताया कि 94 फीसद चावल जमा हो चुका है। महज छह फीसद ही चावल मिलरों के यहां बचा है। इसके लिए नोटिस जारी की गई है। कोविड को देखते हुए शासन की ओर से 30 जून तक का समय दिया गया है। इसके बाद यदि सरकारी चावल जमा नहीं किया तो मिलरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।

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