200 करोड़ खर्च, परिषदीय स्कूलों का नहीं दूर हो रहा मर्ज
परिषदीय स्कूलों के कायाकल्प के नाम पर करीब 200 करोड़
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही) : परिषदीय स्कूलों के कायाकल्प के नाम पर करीब 200 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। आए दिन मिशन कायाकल्प के अंतर्गत विद्यालयों के स्वरूप को बदलने का फरमान जारी हो रहा है लेकिन मर्ज दूर नहीं हो रहा है। इतना जरूर है कि कायाकल्प के तहत काम कराने के नाम पर ग्राम प्रधान व सचिवों का कायाकल्प हो जा रहा है। स्थिति यह है कि कहीं गदंगी की भरमार तो कहीं विद्यालय की चहारदीवारी का निर्माण नहीं हो सका है। कमरों की छतें जर्जर हैं। हल्की सी भी बारिश में पानी टपकता है तो कहीं फर्श ध्वस्त है। इंटरलाकिग कौन करे प्लास्टर भी नहीं हो पा रहा है। कोरोना संक्रमण के दौर में खुल चुके विद्यालयों के बच्चों को शौचालयों तक की दशा ठीक न होने से खेतों की शरण लेनी पड़ रही है।
परिषदीय स्कूलों में नामांकित बच्चों को किसी तरह की दिक्कत न हो। मिशन कायाकल्प के तहत विद्यालय को शौचालय, इंटरलाकिग, टाइलीकरण, शौचालय में रनिग वाटर सहित कुल 19 बिदुओं पर संतृप्त करने का फरमान जारी है। इसके लिए राज्य वित्त व 14वें वित्त आयोग से धनराशि खर्च करने की भी छूट दी गई है। शासन-प्रशासन स्तर से आए दिन हिदायत भी दी जा रही है कि परिषदीय स्कूलों को मिशन कायाकल्प के 19 बिदुओं पर संतृप्त किया जाय। इसके बाद भी ग्राम प्रधान व सचिव रूचि नहीं ले रहे हैं। कहीं पूरा शौचालय गंदगी से ध्वस्त हो चुका है तो कहीं टंकी क्षतिग्रस्त है। कहीं दरवाजे टूटे पड़े हैं तो कहीं पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। सबसे अहम यह कि आए दिन फरमान जारी कर रहे अफसरों की नजर भी इन स्कूलों की ओर नहीं पड़ रही है। - केस 1 : औराई ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय ठेगीपुर में मिशन कायाकल्प के तहत कोई काम नहीं कराया गया है। विद्यालय व परिसर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र भवन के चारों ओर पानी भरा है। चहारदीवारी का निर्माण तक नहीं कराया जा सका है तो कमरों की फर्श भी ध्वस्त हैं। मौजूदा समय में विद्यालय पहुंचना बच्चों के लिए खतरे से खाली नहीं हैं। मिशन कायाकल्प की पूरी तरह से हवा निकल चुकी है। - केस 2 : डीघ ब्लाक क्षेत्र के अंतर्गत स्थित प्राथमिक विद्यालय रामकिशुनपुर बसहीं में शौचालय गंदगी से पटा है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय के शौचालय में भी रनिग वाटर की व्यवस्था नहीं हैं। प्राथमिक विद्यालय राजापुर में बने शौचालय में भी गंदगी की भरमार है। पानी की व्यवस्था नहीं है। अधिकतर बच्चे बाहर जाते हैं। जरूरत पर शिक्षकों तक को डिब्बे में पानी लेकर जाना पड़ता है। मिशन कायाकल्प के तहत शौचालय की मरम्मत व अन्य व्यवस्था को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। - मिशन कायाकल्प के तहत विद्यालयों में काम करवाया जा रहा है। जहां कहीं दिक्कत है वहां प्रधानाध्यापकों को ग्राम प्रधानों से समन्वय स्थापित कर काम करवाने का निर्देश है। इसके बाद भी लापरवाही पाई जाएगी तो कार्रवाई तय की जाएगी। --भूपेंद्र नारायण सिंह, बीएसए, भदोही।