सड़क हादसे में घायल की इलाज के दौरान मौत

थानाध्यक्ष डीके सरोज ने घायल को अपनी गाड़ी में से जिला चिकित्सालय पहुंचाया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 11:57 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 11:57 PM (IST)
सड़क हादसे में घायल की इलाज के दौरान मौत
सड़क हादसे में घायल की इलाज के दौरान मौत

जागरण संवाददाता वाल्टरगंज बस्ती: मार्ग दुर्घटना में घायल मोटरसाइकिल सवार की जिला चिकित्सालय में इलाज के दौरान मौत हो गई। सोमवार की शाम 35 वर्षीय फूलचंद पुत्र राजाराम निवासी कोट खास पिपरा थाना खोड़ारे मोटरसाइकिल से बस्ती की तरफ जा रहे थे। अभी वह वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के गौर वाल्टरगंज मार्ग पर स्थित पिपरा जप्ती गांव के समीप मोड़ पर पहुंचे ही थे कि उनकी मोटरसाइकिल अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गए। आसपास के लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष डीके सरोज ने घायल को अपनी गाड़ी में से जिला चिकित्सालय पहुंचाया। जहां इलाज के दौरान घायल की मौत हो गई। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस पर लगाया उत्पीड़न का आरोप जागरण संवाददाता विक्रमजोत, बस्ती: छावनी थाना क्षेत्र के कवलपुर गांव की आशा देवी पत्नी झिनकू ने छावनी पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। घर के सामने एक पोस्टर चस्पा कर लिखा है कि उनका परिवार पलायन कर रहा है। वहीं पुलिस का कहना है कि दूसरे पक्ष की दीवार गिराने के कारण आरोप लगाने वालों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इसी कारण उस पक्ष के लोग घर छोड़कर भाग गए हैं।

आशा के पुत्र राहुल ने बताया कि उन्होंने एक वर्ष पहले कवलपुर गांव निवासी शिव विशाल सिंह पुत्र हुबदार सिंह से जमीन बैनामा लिया था। जिसका कागज उनके पास मौजूद है। रविवार को जमीन के मालिक शिव विशाल सिंह अपने पुत्रों साथ बैनामा शुदा जमीन पर उनके घर के ठीक सामने दीवाल उठाने के लिए मजदूरों को लेकर पहुंच गए। उन्हें रोकने का प्रयास किया तो अपशब्द कहने लगे। आरोप लगाया कि पुलिस ने खुद मौके पर पहुंचकर निर्माण कार्य करवाया। काम रोकने पर पुलिस बल प्रयोग करने पर आमादा थी। इससे डर कर पूरा परिवार रविवार की शाम घर पर पोस्टर चिपका कर निकल गया।

वहीं प्रभारी निरीक्षक छावनी विकास यादव ने बताया कि पुलिस ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के निर्देश पर गई थी। मौके पर कानूनगो की रिपोर्ट के अनुसार भूस्वामी अपनी जमीन पर दीवाल का निर्माण करा रहा था, उसे रात में आशा देवी और उनके परिवार वालों ने गिरा दिया। मामले में जब उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया तो वह कार्रवाई के डर से घर छोड़कर भाग निकले।

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