दूसरे दिन भी गांव में छाया रहा मातम, घरों में नहीं जले चूल्हे

मैना देवी की जेठानी विमला देवी घटना को याद कर रो पड़ीं। बताया कि घटना के समय वह दूसरे कमरे में थी। शोरगुल सुन वह मैना के कमरे में पहुंची लेकिन उनको यह नहीं पता था कि वहां करंट फैला हुआ है। जमीन पर बेसुध पड़ी मैना को जैसे ही वह उठाने के लिए आगे बढ़ीं वह भी करंट की चपेट में आ गईं। उन्होंने समझदारी दिखाते हुए पास पड़े डंडे से बोर्ड का स्विच बंद कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 11:30 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 11:30 PM (IST)
दूसरे दिन भी गांव में छाया रहा मातम, घरों में नहीं जले चूल्हे
दूसरे दिन भी गांव में छाया रहा मातम, घरों में नहीं जले चूल्हे

बस्ती: दुबौलिया थाना क्षेत्र के जमुनीजोत में सोमवार को भी मातम पसरा रहा। लोगों के घरों में चूल्हे तक नहीं जले। गांव का हर कोई गमगीन नजर आया। रविवार को दिन में 12 बारह बजे पंखे में उतरे करंट से एक परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई थी। शाम को पोस्टमार्टम के बाद तीनो का शव सरयू नदी किनारे एक साथ दफना दिया गया।

जमुनीजोत में रविवार की दोपहर रामपाल की पत्नी मैना देवी अपने तीन बच्चों के साथ भोजन कर सोने जा रही थी। इसी बीच पंखे का प्लग, बोर्ड में लगाते समय पंखे में उतरे करंट की चपेट में आ गई। मां की गोद में दुबका दुधमुंहा बच्चा प्रेम और सात सात वर्षीय बेटी चांदनी भी करंट की चपेट में आ गई। उनकी चीख सुनकर पांच वर्षीय बेटी पल्लवी भी पहुंची। सभी करंट की चपेट में आ गए। पल्लवी को तो बचा लिया गया, मगर मैना, प्रेम और चांदनी की मौत हो गई।

रविवार को शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका। सोमवार को एक साथ तीनो शवों का पोस्टमार्टम कराया गया। शाम को जैसे ही तीनो का शव घर पहुंचा हर किसी की आंखे नम हो गईं। बाद में सरयू नदी के कटरिया चांदपुर तटबंध पर चांदपुर गांव के पास उनके शवों को एक साथ दफना दिया गया। वहीं क्षेत्रीय विधायक अजय सिंह और पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया।

जेठानी की सूझबूझ से बच गई पल्लवी

मैना देवी की जेठानी विमला देवी घटना को याद कर रो पड़ीं। बताया कि घटना के समय वह दूसरे कमरे में थी। शोरगुल सुन वह मैना के कमरे में पहुंची, लेकिन उनको यह नहीं पता था कि वहां करंट फैला हुआ है। जमीन पर बेसुध पड़ी मैना को जैसे ही वह उठाने के लिए आगे बढ़ीं, वह भी करंट की चपेट में आ गईं। उन्होंने समझदारी दिखाते हुए पास पड़े डंडे से बोर्ड का स्विच बंद कर दिया। उन्होंने मैना से छोटी बेटी पल्लवी को अलग किया। बाद में घर के अन्य लोग भी पहुंच गए, मगर तब तक काफी देर हो चुकी थी। सोमवार को अस्पताल से वापस आने के बाद पल्लवी अपनी मां, बहन और भाई को खोज रही है।

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