अफवाहों से रहें सतर्क,घर में सुरक्षित रहकर कोरोना पर करें वार

वायरस का टूटेगा चेन कोविड प्रोटोकाल का ठीक तरह से करें पालन

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 10:46 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 10:46 PM (IST)
अफवाहों से रहें सतर्क,घर में सुरक्षित रहकर कोरोना पर करें वार
अफवाहों से रहें सतर्क,घर में सुरक्षित रहकर कोरोना पर करें वार

जागरण संवाददाता, बस्ती : कोरोना वायरस का चेन टूटेगा। जिले में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मरीजों से घबराने की जरूरत नहीं है। तरह-तरह के फैलाए जा रहे अफवाहों से सतर्क रहें और घर में ही सुरक्षित रहकर कोरोना पर वार करें। कोविड प्रोटोकाल का ठीक से पालन करें और चिकित्सकों के बताए परामर्श को अपनाएं। योगासन करें। घर का बना भोजन ही प्रयोग करें। शरीर की इम्युनिटी मजबूत करने के लिए विटामिनयुक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करें। चिकित्सक बता रहे हैं कि यदि कोई व्यक्ति संक्रमित भी हो जाता है तो कोरोना की जंग जीत लेगा, लेकिन प्रोटोकाल का पालन सही प्रकार से करना होगा। वायरस से डरना नहीं है और इससे लड़कर कोरोना को भगाना है। बीमारी से जूझ रहे लोग भी विचलित न हो। दिनचर्या दुरुस्त करें। भोजन में पौष्टिक आहार वाले खाद्य पदार्थो का सेवन अधिक करें। इससे संक्रमण का खतरा कम रहता है।

कोविड गाइडलाइन के मुताबिक नियमित हाथ धुलते रहें। मास्क लगाने के बाद ही कहीं बाहर निकलें। कोई वस्तु छूने के बाद सैनिटाइजर का इस्तेमाल जरूर करें। कोर्माबिड वाले जैसे ब्लड प्रेशर, शूगर, आदि मरीजों को इस महामारी में अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। चिकित्सकों का कहना है कि यदि किन्हीं कारणों से कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हो भी जाता है तो वह घबराए नहीं। जरूरी नहीं कि वह अस्पताल में जाकर तत्काल भर्ती हो जाएं। चिकित्सक से सलाह जरूर लें। चिकित्सकों के अनुसार घर पर ही रहकर कोरोना को हराया जा सकता है। अफवाहों से भी सर्तकता जरूरी है।

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गलाला व भाप लेते रहे :

चिकित्सक डा. श्रेया मिश्रा ने बताया कि यथासंभव घर पर रहें। सुरक्षित रहें। कोविड वैक्सीन जरूर लगवाएं। दिन में एक बार गलाला सेंधा नमक अथवा हल्दी के साथ करें। एक-दो बार भाप लें। स्वास्थ्य खराब होने पर कोरोना ही न मानें। तत्काल चिकित्सक को दिखाएं। दवाई खाएं। बिल्कुल ना घबराएं। सकारात्मक बने रहें, इससे कोरोना को हराया जा सकता है। फेफड़ों में आक्सीजन की कमी महसूस होने पर चिकित्सक से परामर्श लें। कहा कि अधिकतर लोगों में कोरोना के नाम से ही डर महसूस होने लगता है, जिसमें कुछ सांकेतिक लक्षण भी जैसे सर्दी, हल्की खांसी, ज्वर का आभास, गले में खरास लगने लगता है, जिसके कारण अधिकतर लोग शंकावश भयभीत रहने लगते हैं। ऐसे में हौसला न खोएं। कोरोना के भय को दूर करने में उत्तम चिकित्सा पद्धति जरूरी है। चिकित्सक की देखरेख में ही दवाएं लें। नियमित हाथ धुलते रहें। सैनिटाइजर का प्रयोग करें। मास्क जरूर लगाते रहें। जरूरी कार्य न हो तो बाहर कत्तई न निकलें।

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करें योगा, खुद को रखें फिट

मुख्य योग शिक्षक व जिला प्रभारी युवा भारत समिति, बस्ती के अनुराग शुक्ल ने कहा है कि कोविड संक्रमण काल में एक्सरसाइज विथ डीप ब्रेदिग से फेफड़े को स्वस्थ रख सकते हैं और आक्सीजन स्तर मेंटेन होता है। वर्तमान में योगाभ्यास के साथ-साथ अपना आक्सीजन लेवल भी मेंटेन रखना एक महत्वपूर्ण दायित्व है। शरीर में हताशा निराशा को दूर करने के लिए सकारात्मक ऊर्जा का स्तर बढ़ाये रखना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है तभी वह स्वयं बच सकता है और लोगों को भी बचा सकता है। इसके लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और मन को शांत करके शरीर को शिथिल करें। फिर सीने व पैर के टखने के नीचे तकिया लगाकर लंबी सांस ले व लंबी सांस छोड़ें। ऐसा लगभग पांच मिनट से 15 मिनट तक कर सकते हैं। पुन: इसके बाद पीठ के बल लेट जाएं और नीचे से तकिया निकाल दें। लंबी सांस लेकर मन को शांत व शरीर शिथिल करें। फिर सांस भरते हुए दोनों हाथों को सीने की ओर उठाकर मिलाएं और सांसों को यथासाम‌र्थ्य रोककर पुन: धीरे-धीरे हाथों को खोलते हुए सांसों को छोड़ते हुए वापस लाएं। यह अभ्यास पांच से लेकर 11 बार कर सकते हैं। इससे आपके फेफड़ों को ताकत मिलेगी और शरीर का आक्सीजन स्तर अनुकूल होने में सहायता मिलेगी। लेकिन गंभीर बीमारी वाले व अस्थमा के रोगी या जिनकी सांस फूलती हो वो इसे न करें। इसके अलावा सीने व पीठ पर बाम लगाकर पहले सूती उसके ऊपर ऊनी कपड़ा लपेट लें जिससे आक्सीजन का स्तर तो बढ़ेगा ही साथ ही फेफड़े भी स्वस्थ होंगे।

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मंदिरों में जाने से बचें, घर में ही करें अर्चन

शहर के शनिदेव मंदिर के पुजारी पं. सरोज मिश्र ने लोगों से आह्वान किया कि कोरोना संक्रमण काल में पूजा-पाठ में सर्तकता जरूरी है। सबके लिए बचाव जरूरी हो गया है। मंदिरों में जाने से बचें। घर में ही पूजा-पाठ करें। यदि कहीं पूजा-पाठ के लिए जा भी रहे हैं तो बचाव के साथ अर्चन करें। मंदिरों में लोग भीड़ न बढ़ाएं। मंदिर व धार्मिक स्थलों पर यदि जरूरी न हो तो जाने से बचें। घर में मन से पूजा करने पर उतना ही फल मिलेगा जितना कि मंदिर में जाकर पूजन-अर्चन करने से होगा। श्रद्धाभाव से पूजा पाठ करने से हर जगह फल मिलेगा। लोगों का भी कर्तव्य है कि इस महामारी की लड़ाई में साथ दें और खुद सुरक्षित हो और दूसरे को भी सुरक्षित करें। महामारी रोकने में सबका सहयोग जरूरी है। संकट के इस दौर में ईश्वर पर भरोसा करें और धैर्य, संयम से कार्य करें। संकट में हैं तो इन नंबरों पर मांगें मदद कोरोना महामारी के दौरान यदि कोई व्यक्ति संकट में हैं तो इमरजेंसी नंबरों पर मदद जरूर मांगें। विकास भवन स्थित कोविड-19 कमांड एवं कंट्रोल सेंटर 24 घंटे सक्रिय है। सेंटर के इस नंबर पर 05542245672 संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा सीएमओ आफिस में कंट्रोल रूम सक्रिय है। 05542-287774 पर फोन करके कोरोना से संबंधित शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। कोई संकट में हो तो सहयोग मांग सकते हैं। शहर और गांव में जरूरी स्थलों पर सैनिटाइजेशन के लिए भी इन नंबरों का इस्तेमाल किया जा सकता है। शहर में नगर पालिका तो गांव में पंचायतीराज विभाग सैनिटाइजेशन कराएगा। इसके अलावा डायल-112, एंबुलेंस के लिए 102, 108 पर तथा सीएमओ से संपर्क एवं शिकायत के लिए 8005192643 पर काल कर सकते हैं। जिला अस्पताल के सीएमएस से भी 8005192739, मेडिकल कालेज में एल-टू हास्पिटल प्रभारी से 9415038392 पर व जिलाधिकारी से 9454417528 पर संपर्क किया जा सकता है। इसके अलावा कोरोना संकट काल में इन नंबरों पर 05542245672, 05542245699, 7398372931, 7392828423, 7522065967, 8604579857 पर संपर्क कर सकते हैं।

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जिले में कोविड अस्पताल की स्थिति

- रिक्त बेड की सूचना

- एल-वन अस्पताल सीएचसी मुडेरवा- 40 बेड रिक्त हैं।

- आश्रय स्थल बस्ती - 60 बेड रिक्त है।

- आश्रम पद्धति विद्यालय भानपुर -100 बेड रिक्त है।

- कैली में आइसीयू बेड 90 बेड, सभी फुल

- कैली में सामान्य बेड 260 (आक्सीजनयुक्त)- 131 भर्ती

- कैली में टोटल 221 मरीज भर्ती, 129 बेड रिक्त है।

- कैली में आक्सीजनयुक्त बेड पांच रिक्त है।

- कैली में आक्सीजन के 250 सिलेंडर उपलब्ध (शाम पांच बजे तक) चार से पांच घंटे तक चलेगा

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- आक्सीजन के लिए प्रतिदिन 389 सिलेंडर की डिमांड भेजी जा रही है। मांग के अनुसार आक्सीजन नहीं मिल पा रहा है। हालांकि प्रशासन नियमित अंतराल पर वाहन को भेजकर संतकबीरनगर, गोरखपुर व टांडा से सिलेंडर भरवा रहा है। वैकल्पिक व्यवस्था में सीएचसी-पीएचसी और महिला अस्पताल के भी आक्सीजन सिलेंडर कैली में मंगवा लिए गए हैं। बैकअप में 250 आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है।

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