कहने को शहरी, चुनते हैं ग्राम प्रधान
शहर से सटे हैं सदर विकास खंड की 11 ग्राम पंचायतें
जागरण संवाददाता, बस्ती: सदर विकास खंड की कई ग्राम पंचायतें शहर से सटे हैं। यह शहरी क्षेत्र की तरह ही विकसित हैं, मगर कागज में अब भी गांव हैं। यहां के लोग हर पांच साल पर प्रधान चुनते हैं। इतना ही नहीं यहां के निवासी क्षेत्र पंचायत सदस्य के साथ ही जिला पंचायत सदस्य का भी चुनाव करते हैं।
मूड़घाट, मड़वानगर, हवेली खास, बरगदवा, खीरीघाट भटोलवा, भूअर निरंजनपुर, लौकियहवां, खौरहवां, जिगिना, जामडीह, सुपेलवा कहने को ग्राम पंचायत हैं, मगर यह अब शहर का हिस्सा बन चुके हैं। यहां बड़ी-बड़ी दुकानें, अस्पताल, नर्सिंग होम, शापिग माल, होटल, रेस्टोरेंट, अंग्रेजी माध्यम के स्कूल और कालेज आदि की सुविधाएं उपलब्ध हैं। कई सरकारी कार्यालय भी मौजूद हैं। इन सबके बावजूद यह अभी भी सरकारी अभिलेखों में ग्राम पंचायत के रूप में दर्ज हैं। हर पांच वर्ष बाद यहां प्रधान का चुनाव होता है। मतदान के दिन तक यहां खूब गहमा-गहमी रहती है। मड़वानगर निवासी अतरेश पांडेय, भूअर निरंजनपुर निवासी भोलू श्रीवास्तव, मूड़घाट निवासी अविनाश साहनी कहते हैं कि उन लोगों को शहर और देहात दोनों का आनंद मिलता है। शहर जैसी सुविधा तो मिलती ही है, साथ में सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को दी जाने वाली सुविधा का भी लाभ मिलता है। सुपेलवा निवासी दीपक का कहना है कि घर से चंद कदम बढे़ तो नगर पालिका क्षेत्र में पहुंच गए।
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नगर पालिका बस्ती के सीमा विस्तार में शहरी क्षेत्र के सभी गांवों को नगर पालिका क्षेत्र में शामिल किया गया था, मगर अंतिम अधिसूचना जारी न होने के कारण इन गांवों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराया जा रहा है।
अखिलेश त्रिपाठी, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका बस्ती।