बाढ़ में हर बार छिन जाता है इनका घर-बार
बचाव को लेकर अभी तक नहीं हो सका है मुकम्मल इंतजाम
जागरण संवाददाता,बस्ती: हर्रैया तहसील के 50 से अधिक गांव नदी और तटबंध के बीच हैं। हर बार बाढ़ में इन गांवों के लोगों का घर-बार छिन जाता है। दो महीने तक बांध पर शरण लेनी पड़ती है। दर्द यह है कि पीढ़ी दर पीढ़ी दर्द झेलते आ रहे इन गांवों के लोगों को राहत देने का मुकम्मल इंतजाम अभी तक नहीं हो सका है।
बानगी के तौर पर दुबौलिया ब्लाक का बिसुन्दासपुर की 40 परिवार वाला हरिजन बस्ती को देख लीजिए। जैसे ही सरयू उफनती है तो बाढ़ आती है। बस्ती चहुंओर पानी घिर जाती है। इस तरह साल के दस महीने गांव में और दो महीने कटरिया चांदपुर तटबंध पर गुजर बसर करना पड़ता है। कुछ ऐसे भी परिवार हैं जो रिश्स्तेदारों के यहां शरण लेते हैं। निर्मला शोभावती, आलूमती, तुरपता देबी, रामकरन, रामचरन, रामतौल, राजित राम, तुलसीराम सहित अन्य ग्रामीण बताते हैं कि अभी तक बाढ़ राहत सामग्री भी नहीं मिल पाई है। घरों में पानी भर जाने से तटबंध पर आ गए हैं।
अपर जिलाधिकारी रमेश चंद्र ने बताया कि नदी और तटबंध के बीच बसे गांव वालों को अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर बसाने के प्रयास कई बार किए गए, लेकिन वह अपने पैतृक भूमि से हटने को तैयार नहीं होते हैं। फिलहाल तटबंध पर उनके बसने से लेकर खाने- पीने की पूरी व्यवस्था जिला प्रशासन ही करता है।