रामरेखा मंदिर की नवनिर्मित चहारदीवारी गिरी

सरकार द्वारा गड्ढामुक्त अभियान चलाए जाने के बाद भी सड़कों की हालत में कोई सुधार नहीं आया। तहसील ब्लाक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को जोड़ने वाली सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे नजर आ रहे हैं। तीन दिन से हो रही भारी बारिश के चलते लिक मार्गों पर जलभराव की समस्या है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 11:09 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 11:09 PM (IST)
रामरेखा मंदिर की नवनिर्मित चहारदीवारी गिरी
रामरेखा मंदिर की नवनिर्मित चहारदीवारी गिरी

बस्ती: विक्रमजोत विकास खंड के पौराणिक स्थल रामरेखा मंदिर पर बनी लगभग 20 मीटर नवनिर्मित चहारदीवारी पहली ही बरसात में ढह गयी। इससे निर्माण के गुणवत्ता की पोल खुल गई।

भगवान राम से जुड़े पौराणिक स्थलों के विकास के क्रम में सन् 2019-20 से पर्यटन विभाग द्वारा करीब 61 लाख की लागत से कार्यदायी संस्था यूपी सिडको द्वारा पौराणिक रामरेखा मंदिर का बाउंड्रीवाल,रामरेखा नदी पर पक्का घाट, विश्रामालय, टीनशेड सहित अन्य का निर्माण कराया जा रहा है। मंदिर के नवनिर्मित गेट के दोनों तरफ की बाउंड्री दो दिनों के अंतराल में ढह गई। स्थानीय लोगों की माने तो निर्माण कार्य मानक के अनुसार नहीं हुआ, इसलिए बाउंड्रीवाल गिर गई। मंदिर के पुजारी दयाशंकर दास ने बताया कि यहां पर त्रेतायुग में प्रभु राम ने जनकपुर से मां सीता के साथ वापस अयोध्या जाते समय रात्रि विश्राम किया था। इस स्थल का पर्यटन विभाग से सौंदर्यीकरण का काम विगत एक वर्ष से चल रहा है दो तीन पहले बरसात होने के दौरान निर्माणाधीन गेट के दोनो तरफ की दीवार अचानक गिर गयी। निर्माण कार्य कराने वाले ठेकेदार द्वारा पुन: निर्माण करने की बात कही गई है।

गड्ढायुक्त सड़कों ने बढ़ाई राहगीरों की मुसीबत

सरकार द्वारा गड्ढामुक्त अभियान चलाए जाने के बाद भी सड़कों की हालत में कोई सुधार नहीं आया। तहसील, ब्लाक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को जोड़ने वाली सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे नजर आ रहे हैं। तीन दिन से हो रही भारी बारिश के चलते लिक मार्गों पर जलभराव की समस्या है। गांव से जुड़ी सड़कों की स्थिति और खराब है।

सबसे खराब स्थिति 9 किमी लंबी देईपार-सेखुई-अमरौली शुमाली भैसहवा मार्ग की है। पूरी सड़क बुरी तरह जर्जर हो गई है। भिरिया से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरौली शुमाली तक सड़क खराब होने के साथ ही पटरियों का नामोनिशान मिट गया है। देईपार, पचानू, बभनगांवा, रेहारजंगल, गोरखर, चौकवा व सेखुई में सड़क पर जानलेवा गड्ढे बन चुके हैं। तहसील मुख्यालय को जोड़ने वाली 6 किमी लंबी सोनहा-शिवाघाट मार्ग की हालत भी दयनीय है। बैंड़ा पुल से पचपेड़वा, कोरियाडीह, द्वारिकाचक, लेदवा, भिरिया, तेलियाडीह, रामनगर व करीमनगर में सड़क पर बने गड्ढों से जलजमाव की स्थिति पैदा हो गई है। करुणेश पांडेय, रवींद्र चौधरी, अकबाल हुसेन, दयाराम यादव, जगराम यादव, क्रांति कुमार का कहना है कि अस्पताल के उद्घाटन के दौरान तत्कालीन जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने सड़क निर्माण का आश्वासन दिया था, लेकिन सड़क नहीं बनी। राज किशोर वर्मा, राम सुभग मौर्य, विनोद राजभर, ध्रुव चंद चौधरी आदि ने सड़क निर्माण व जलनिकासी की व्यवस्था कराए जाने की मांग की है।

chat bot
आपका साथी