विज्ञान से विद्यार्थी अनजान, प्रयोगशाला में जमी धूल

जीआरएस इंटर कालेज में जीव विज्ञान की लैब बदहाल - भौतिक विज्ञान की प्रयोगशाला सुसज्जित संसाधन उपलब्ध

By JagranEdited By: Publish:Mon, 09 Dec 2019 11:04 PM (IST) Updated:Mon, 09 Dec 2019 11:04 PM (IST)
विज्ञान से विद्यार्थी अनजान, प्रयोगशाला में जमी धूल
विज्ञान से विद्यार्थी अनजान, प्रयोगशाला में जमी धूल

बस्ती : गोविद राम सक्सेरिया इंटर कालेज में विज्ञान प्रयोगशाला बदहाली की ओर है। ब्रितानिया हुकूमत के इस स्कूल में आजादी के पहले स्थापित लैब का अब दिन-ब-दिन क्षरण हो रहा है। गनीमत है भौतिक विज्ञान का प्रयोगशाला अभी कारगर है। इस लैब में प्रयोग भी हो रहे हैं। कुछ विद्यार्थी प्रयोग में माहिर हैं, तो कुछ उपकरणों की पहचान तक नहीं कर पा रहे हैं।

सबसे दयनीय दशा जंतु विज्ञान प्रयोगशाला का है। न कमरा सुसज्जित है और न ही पर्याप्त उपकरण एवं अन्य संसाधन है। अलबत्ता विषय शिक्षक प्रयोग का दावा जरूर कर रहे हैं। लेकिन प्रयोग कक्ष की खिड़किया टूटी है। पुरानी आलमारियां जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है। केमिकल रखने के काम आने वाले शीशे के पात्र धूल से ढके पड़े है। चहुंओर गंदगी है। पानी की सप्लाई नहीं है। इस हाल पर कैसे हो यकीन हो कि यहां विद्यार्थी नियमित प्रयोग करते हैं।

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यह नहीं बता पाए उपकरण का नाम

फोटो..21, 22

प्रयोगात्मक फाइल के साथ लैब में मौजूद इंटरमीडिएट भौतिक विज्ञान के छात्र सूरज सामने रखे हुए प्रकाशिक बेंच की पहचान नहीं कर पाए। दिपलेश कुमार भी मौजूद उपकरणों में से किसी का नाम नहीं बता सके।

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यह है विद्यालय का इतिहास

अंग्रेजी हुकूमत के दौरान वर्ष 1911 में इस विद्यालय की स्थापना हुई थी। शुरू में एंग्लो संस्कृति हाईस्कूल स्तर तक की पढ़ाई हुई। वर्ष 1943 में शहर के प्रतिष्ठित नागरिक गोविद राम इस विद्यालय के प्रबंधक नियुक्त हुए। उन्होंने वर्ष 1944 में इस विद्यालय को इंटरमीडिएट विज्ञान विषय की मान्यता दिलाई और भौतिक, रसायन एवं जंतु विज्ञान का प्रयोगशाला भी स्थापित कराया। इस लैब से प्रयोग करके निकले हुए छात्र वैज्ञानिक तक बने।

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यह है विद्यालय के पुरातन छात्र

इस विद्यालय से निकलकर शिखर पर पहुंचने वाले पुरातन छात्रों की लंबी फेहरिस्त है। अनिल बैजल वर्तमान में दिल्ली प्रांत के लेफ्टिनेंट गवर्नर है। गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके डा. हरिदत्त पांडेय, सेवानिवृत्त आइएएस डा. जेपी सिंह, सेवानिवृत्त जस्टिस जीपी माथुर, पूर्वोंत्तर रेलवे से सेवानिवृत्त जीएम चंद्रमौलि मणि त्रिपाठी इसी विद्यालय की उपज है।

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सुसज्जित लैब के लिए हमने संसाधनों की डिमांड की है। अर्थाभाव के चलते प्रयोगशाला को सुंदर रूप नहीं दे पा रहे हैं। फिर भी उपलब्ध संसाधनों से बच्चों को प्रयोग कराया जा रहा है।

-एचआर बंसल, प्रवक्ता जीव विज्ञान। फोटो...24

विद्यार्थियों को नियमित प्रयोग भी कराया जा रहा है। इंटरमीडिएट में 15 प्रयोग में 12 पूर्ण करा दिया गया है। ट्रांजिस्टर और पीएन डायोड अभी जल्द मंगाया गया है।

विजय कुमार गुप्त, प्रवक्ता भौतिक विज्ञान।

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सीमित संसाधन में विद्यालय के प्रयोगशाला बेहतर परिणाम दे रहे हैं। भौतिक और रसायन विज्ञान के प्रयोगशाला संसाधनों से लैस कर दिए गए हैं। जीव विज्ञान प्रयोगशाला को भी संवारने का प्रयास चल रहा है। जल्द ही बदला रूप नजर आएगा।

घनश्याम श्रीवास्तव, प्रभारी प्रधानाचार्य।

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