खेल कोचों को मिला तीन माह का लंबित मानदेय

जिला खेलकूद एवं प्रोत्साहन समिति की ओर मानदेय दिया जाना था लेकिन खेल विभाग की हीलाहवाली के चलते प्रशिक्षकों को फूट कौड़ी नहीं मिली। जिससे वह और उनका परिवार आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा था।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 10:17 PM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 10:17 PM (IST)
खेल कोचों को मिला तीन माह का लंबित मानदेय
खेल कोचों को मिला तीन माह का लंबित मानदेय

बस्ती : शहीद सत्यवान सिंह स्टेडियम में तैनात प्रशिक्षकों को तीन माह का मानदेय मिला तो उनमें खुशी का ठिकाना ना रहा। प्रशिक्षकों ने इसके लिए दैनिक जागरण को धन्यवाद दिया। कहा कि उनकी इस समस्या को किसी ने नहीं समझा। जागरण ने खबर प्रकाशित किया तो जिम्मेदारों की निद्रा टूटी।

जिला खेलकूद एवं प्रोत्साहन समिति की ओर मानदेय दिया जाना था, लेकिन खेल विभाग की हीलाहवाली के चलते प्रशिक्षकों को फूट कौड़ी नहीं मिली। जिससे वह और उनका परिवार आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा था। बैडमिटन, बास्केटबाल व हैंडबाल के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षकों की नियुक्ति खेल निदेशालय स्तर से की गई थी, जबकि क्रिकेट प्रशिक्षक को जिला खेलकूद प्रोत्साहन समिति की ओर से रखा गया था। 29 अगस्त को हुई बैठक में डीएम आशुतोष निरंजन ने खेल विकास एवं प्रोत्साहन नियमावली 2020 लागू करने की अनुमति प्रदान करने के साथ ही मानदेय पर काम कर रहे प्रशिक्षकों को लाकडाउन अवधि में पांच हजार रुपये प्रति माह की दर से 15 हजार रुपये भुगतान करने के निर्देश दिए थे। विभाग की लापरवाही के चलते प्रशिक्षकों को यह धनराशि नहीं दी गई थी। खबर का असर यह हुआ डीएम ने इसे संज्ञान में ले लिया और मंगलवार को बकाया मानदेय की धनराशि जारी कर दी गई।

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