खर्च हो गए 67 लाख फिर भी अंधेरा कायम
भद्रेश्वरनाथ धाम में पर्यटन विकास के लिए शासन की ओर से 67 लाख रुपये अवमुक्त किए गए थे। इस धनराशि से मंदिर के चारों तरफ इंटरलाकिग परिक्रमा मार्गनाली निर्माण सुलभ शौचालय आठ सोलर लाइट 10 आरसीसी बेंच बनवाए जाने थे।
बस्ती: जिले में पर्यटन विकास के लिए मिले धन का कितना सदुपयोग हो रहा है, इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। यही वजह है पर्यटन विकास के बजट के बंदरबांट का खेल चल रहा है। बानगी के तौर पर पौराणिक भद्रेश्वरनाथ मंदिर है। आस्था के इस केंद्र को विकसित करने के लिए 67 लाख दिये गये थे। यह धन खर्च हो गया लेकिन स्थिति कुछ नहीं बदली। अधिकारी अक्सर यहां आते जाते रहते हैं लेकिन किसी ने पलटकर इसका हिसाब नहीं लिया।
भद्रेश्वरनाथ धाम में पर्यटन विकास के लिए शासन की ओर से 67 लाख रुपये अवमुक्त किए गए थे। इस धनराशि से मंदिर के चारों तरफ इंटरलाकिग परिक्रमा मार्ग,नाली निर्माण, सुलभ शौचालय, आठ सोलर लाइट, 10 आरसीसी बेंच बनवाए जाने थे। कार्यदायी संस्था ने यह सभी कार्य दिखा दिए हैं। भुगतान भी हो गया है। आठ सोलर लाइटें लगी है लेकिन केवल एक ही जलता है। सात में बैट्री ही नहीं है,एक का केवल पोल ही खड़ा है। मंदिर के परिक्रमा मार्ग पर लगवाए गए सोलर लाइट जगमगाने से पहले ही बुझ गए। रात में मंदिर के चारो ओर अंधेरा छाया रहता है। अन्य कार्य भी मानक के अनुरूप नहीं है।
सरनीत कौर ब्रोका, सीडीओ ने कहा कि पर्यटन विकास के नाम पर यदि अनियमितता बरती गई है तो यह गंभीर मामला है, खुद मौके पर जाकर कराए गए कार्यो और सोलर लाइट की जांच करेंगे। गड़बड़ी मिलने पर संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।