जिले में पट्टा कहीं, बालू खनन हो रहा कहीं और

महुआपार खुर्द गांव निवासी किसान सियाराम खेत से बालू खनन किए जाने को लेकर काफी नाराज था। उसने अन्य किसानों के साथ मिलकर डीएम से इसकी लिखित शिकायत भी की थी। चर्चा है इसी बात से खार खाए बालू खनन करने वालों ने किसान सियाराम की हत्या कर दी। मामले में दो के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है लेकिन इस खेल में तमाम और लोग भी शामिल है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 10:57 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 10:57 PM (IST)
जिले में पट्टा कहीं, बालू खनन हो रहा कहीं और
जिले में पट्टा कहीं, बालू खनन हो रहा कहीं और

बस्ती: पट्टा कहीं,बालू खनन हो रहा कहीं और। यह हाल है बस्ती जिले के माझा क्षेत्र में चल रहे बालू घाटों का। लंबे समय से किसानों और बालू खनन करने वालों के बीच कहासुनी और विरोध प्रदर्शन होता चला आ रहा है। हर बार किसानों की आवाज को बालू खनन करने वाले ऐनकेन प्रकारेण दबाते रहे हैं। इस बार बात नहीं बनी तो खूनी खेल शुरू हो गया। किसान सियाराम की हत्या को इसी से जोड़ कर पुलिस देख रही है। आईजी की जांच के बाद मामला गरमा गया है।

महुआपार खुर्द गांव निवासी किसान सियाराम खेत से बालू खनन किए जाने को लेकर काफी नाराज था। उसने अन्य किसानों के साथ मिलकर डीएम से इसकी लिखित शिकायत भी की थी। चर्चा है इसी बात से खार खाए बालू खनन करने वालों ने किसान सियाराम की हत्या कर दी। मामले में दो के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है लेकिन इस खेल में तमाम और लोग भी शामिल है। पट्टे की आड में खेतों में हो रहा खनन

सरयू नदी किनारे बालू खनन का पट्टा लेकर बालू ठेकेदार खेती की जमीनों को बर्बाद कर रहे हैं। दरअसल नदी किनारे बड़ी संख्या में किसान खेती करते हैं। बाढ़ आने पर खेतों में बालू की परत जमा हो जाती है। बालू खनन के पट्टे जहां दिए गए हैं वह खनन करना दुरूह कार्य है। नदी बढ़ गई है ऐसे में बालू खनन में लगे लोग रात के अंधेरे में जहां तहां खनन करते हैं। दिन के उजाले में यह बालू बिकने को मंडियों में पहुंचा दिया जाता है। पुलिस,खनन और परिवहन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी तमाशबीन की भूमिका में हैं।

किसानों की सुनी गई होती तो बच जाती जान

गायघाट,बस्ती: खेत से बालू खनन का विरोध करने के मामले में प्रशासन ने समय से कार्रवाई की होती तो किसान सियाराम की जान बच सकती थी। गत 13 जुलाई को खेती की जमीनों में हो रहे खनन को लेकर किसानों ने सामूहिक रूप से कलेक्ट्रट में पहुंचकर लिखित शिकायत की थी। इस लड़ाई में सियाराम के साथ गांव के दीनानाथ, लालजी, गयासुद्दीन,गोलाई,त्रिलोकी व हरिश्चंद्र के अलावा दो अन्य भी शामिल रहे। शिकायती पत्र में आरोप लगाया था कि कलवारी थाना क्षेत्र के टेगरिहा राजा गांव निवासी राम ललित के नाम गाटा संख्या 239क/89 पर बालू खनन का पट्टा है। जिसके पूरे रकबे में खनन कार्य पूर्ण कर लिया गया है। काफी समय से हम सभी के खेत में अवैध रूप से बालू खनन किया जा रहा है। विरोध करने पर मारापीटा और धमकाया जाता है। चर्चा है कार्रवाई शुरू होती इससे पहले यह बात बालू खनन करने वालों तक पहुंच गई। बालू खदान पर कागज देखने के बहाने किसान सियाराम को 16 जुलाई को बुलाया गया और अगले दिन खदान से थोड़ी दूर झाड़ियों में उसका शव पाया गया। इस घटना को दबाने की पूरी कोशिश की गई लेकिन मामला इंटरनेट मीडिया में आने के बाद तूल पकड लिया। बालू खनन को लेकर किसानों का शिकायती पत्र हमको नहीं मिला था। पत्र किसको दिया गया था,इसकी जानकारी नहीं है। घटना के बाद खान अधिकारी को जांच के लिए मौके पर भेजा गया था। सब जगह पानी भरा है कहीं कोई खनन नहीं हो रहा है।

अभय कुमार मिश्र,अपर जिलाधिकारी बस्ती

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