सीता का रचाया गया स्वयंवर, हुआ मंगलगान

राम जानकी विवाह के दौरान गूंजे सियाराम के जयकारे जनक प्रतिज्ञा और धनुष यज्ञ देख भावविभोर हुए लोग

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 07:06 AM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 07:06 AM (IST)
सीता का रचाया गया स्वयंवर, हुआ मंगलगान
सीता का रचाया गया स्वयंवर, हुआ मंगलगान

जागरण संवाददाता, बस्ती : सनातन धर्मी संस्था और श्री रामलीला महोत्सव आयोजन समिति की ओर से अटल प्रेक्षागृह में चल रहे श्रीराम लीला के चौथे दिन सीता का स्वयंवर रचाया गया। इस दौरान मंगलगान गाए गए। कलाकारों का अद्भुत मंचन देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। सियाराम के जयकारे देर तक गूंजते रहे।

सभागार में पहले जनक प्रतिज्ञा का मंचन हुआ। व्यास कृष्ण मोहन पांडेय ने बताया कि शिव का धनुष जहाज है और राम का बल समुद्र है। इस प्रसंग में सीता महल में रखे शिवजी के धनुष को एक पुष्प की भांति एक स्थान से दूसरे स्थान पर रख देती हैं। जिसको देखकर राजा जनक प्रतिज्ञा लेते है कि शिव धनुष को तोड़ने वाले से सीता का विवाह होगा। महल में धनुष यज्ञ का आयोजन होता है। तमाम राजा-महाराजा इसमें भाग लेते हैं। धनुष तोड़ने को कौन कहे कोई भी योद्धा उसे उठा नहीं सका। तब गुरु विश्वामित्र श्रीराम को धनुष तोड़ने का आदेश देते हैं। गुरु की आज्ञा पाकर प्रभु राम धनुष को पल भर में तोड़ देते है। इसी बीच राम-लक्ष्मण और परशुराम का संवाद होता है। इसके बाद राम- जानकी विवाह के समय पुष्प वर्षा की गई। जय सियाराम के जयकारे गूंजने लगे। बृजेश सिंह मुन्ना ने श्रीराम लीला के प्रसंगों पर अपना विचार रखे। संचालन पंकज त्रिपाठी ने किया। शत्रुघ्न प्रसाद दुबे, अमित सिंह, आइडी पांडेय, अखिलेश दुबे, दिनेश दुबे, रोहन दुबे, अरुण श्रीवास्तव, अभिषेक मणि त्रिपाठी, सुभाष शुक्ल, आशीष शुक्ल, राम विनय पांडेय, डा. वीरेंद्र त्रिपाठी, प्रशांत पांडेय मौजूद रहे।

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