भगवान की शरण लेने से दूर हो जाते हैं पाप

सिसई पंडित गांव निवासी विजय प्रताप यादव ने वर्ष 2011 में सीआरपीएफ में नियुक्त होने के बाद देश की रक्षा करने की शपथ ली। चार वर्ष की सेवा के पश्चात छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों से मुठभेड़ में वह शहीद हो गए ।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 11:37 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 11:37 PM (IST)
भगवान की शरण लेने से दूर हो जाते हैं पाप
भगवान की शरण लेने से दूर हो जाते हैं पाप

बस्ती: जिसका शरीर सुंदर है पर हृदय विष से भरा हुआ है वही पूतना है। जीव भगवान की शरण ले तो उसके सभी पाप दूर हो जाते हैं। मनुष्य एक दूसरे को देव रूप मानने लगें तो कलयुग सतयुग बन सकता है। यह बातें स्वामी राघवाचार्य महाराज ने शिव नगर तुरकहिया में भाजपा के जिलाध्यक्ष महेश शुक्ल के आवास पर आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन कही।

महाराज ने कहा कि सृष्टि में जब पापाचार, दुराचार बढ़ जाता है तो परमात्मा विविध रूप धारण कर पृथ्वी को पाप से मुक्त कराते हैं। इससे पहले श्री कृष्ण जन्मोत्सव आनंद के साथ मनाया गया। श्रद्धालु झूमते रहे। नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की.गूंजने लगा। प्रसाद भी वितरित किया गया।चिरंजीव चौरसिया,विधायक रवि सोनकर, प्रेरक मिश्रा, विनोद शुक्ला, सुधाकर पांडेय, विनय उपाध्याय, ब्रह्मनंद शुक्ला, रामचरन चौधरी, अखंड प्रताप सिंह, मनमोहन त्रिपाठी, गिरीश पांडेय मौजूद रहे।

शहीद विजय प्रताप की प्रतिमा का हुआ अनावरण

कुदरहा ब्लाक के ग्राम पंचायत सिसई पंडित में स्थित बाबा विजेश्वरनाथ शिव मंदिर परिसर में रूद्र महायज्ञ की पूर्णाहुति के अवसर पर शहीद सीआरपीएफ जवान विजय प्रताप यादव की प्रतिमा स्थापित की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्षेत्र पंचायत सदस्य अभिषेक दूबे सनी ने फीता काट कर मूर्ति का अनावरण किया। कहा कि द्वाबा क्षेत्र के युवाओं के लिए वह प्रेरणा श्रोत हैं। जान की परवाह किये बिना देश की रक्षा में इस सैनिक ने अपनी जान गवां दी।

सिसई पंडित गांव निवासी विजय प्रताप यादव ने वर्ष 2011 में सीआरपीएफ में नियुक्त होने के बाद देश की रक्षा करने की शपथ ली। चार वर्ष की सेवा के पश्चात छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों से मुठभेड़ में वह शहीद हो गए । पिता विश्वनाथ,पत्नी ऊषा यादव,पुत्री प्रियंका यादव ने नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की। भंडारे में बड़ी संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किए। ज्ञान चंद्र यादव, रवि यादव, गयाप्रसाद, श्यामबीर, शत्रुधन यादव, विजय प्रताप यादव, फौजी गंगा यादव, भोलू पाल, सचिदानंद यादव, सहित क्षेत्र के तमाम लोग मौजूद रहे।

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